बदायूं विधान सभा क्षेत्र से टिकट न देने का बदला पूर्व मंत्री आबिद रजा ने समाजवादी पार्टी से ले लिया। सदर क्षेत्र के अलावा प्रदेश के कई क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में आबिद रजा ने अहम भूमिका निभाई है, वे अब लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गये हैं, वे मजबूत ताकतों के साथ मिल कर समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी हरायेंगे।
आबिद रजा सदर क्षेत्र से समाजवादी पार्टी का टिकट मिलने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे, वे कई महीनों से जातिगत सम्मेलन आयोजित कर रहे थे, जिससे भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध उन्होंने एक मजबूत टीम बना ली थी लेकिन, अंतिम क्षणों में उनसे मना कर दिया गया। सदर क्षेत्र में सामजवादी पार्टी के प्रत्याशी को उम्मीद से अधिक वोट मिले हैं, उसका कारण यही है कि आबिद रजा कई महीने पहले भाजपा विरोधी लोगों को एक मंच पर ले आये थे।
टिकट न मिलने से आहत आबिद रजा समाजवादी पार्टी की जड़ों में मट्ठा डालने में जुट गये, उन्होंने जिले के बसपा प्रत्याशियों की ओर सपा का वोट स्थानांतर्तित कराने का प्रयास किया, वहीं वे प्रदेश के दौरे पर निकल गये, वे जहाँ भी गये, वहां उन्हें सुनने बड़ा हुजूम आया। आबिद रजा ने आंवला, विथरी चैनपुर, पीलीभीत शहर, निघासन, मुहम्मदी, विसवां, छिबरामऊ, रुदौली, कुर्सी, इलाहाबाद दक्षिण और मड़ियाहूं विधान सभा क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित किया था, इन स्थानों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते समाजवादी पार्टी से सत्ता खिसक गई।
आबिद रजा को भारतीय जनता पार्टी के जीतने का जितना गम है, उससे ज्यादा खुशी नई सपा के हारने से है, जो उनके चेहरे पर स्पष्ट झलकती दिखाई देती है, वे अब लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गये हैं, वे मजबूत ताकतों के साथ मिल कर समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी हराने का संकल्प ले चुके हैं।
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