बदायूं विधान सभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी टिकट देने में पिछड़ गई। कभी पूर्व मंत्री आबिद रजा, कभी काजी रिजवान, कभी सिनोद कुमार शाक्य “दीपू भैया” को टिकट मिलने की अफवाहें फैलती रहीं लेकिन, अंतिम दिन मुंबई में रहने वाले रईस अहमद को टिकट दिया गया। रईस अहमद की स्थानीय स्तर पर बहुत ज्यादा पकड़ नहीं है पर, धर्मेन्द्र यादव ने उनके चुनाव की कमान स्वयं संभाल रखी है, जिससे वे मजबूती से चुनाव लड़ते दिखाई दे रहे हैं।
धर्मेन्द्र यादव के दिशा-निर्देशन में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सपा प्रत्याशी रईस अहमद की गति बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन, सपाई जितनी हवा भरते हैं, उससे ज्यादा पूर्व मंत्री आबिद रजा निकाल देते हैं, जिससे रईस अहमद दोहरी लड़ाई में फंसे दिखाई दे रहे हैं। आबिद रजा की खुली नाराजगी के कारण बसपा प्रत्याशी ठा. राजेश कुमार सिंह कड़ी चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं।
सदर क्षेत्र का चुनाव सपा, भाजपा, बसपा और अन्य तमाम प्रत्याशियों के बीच जंग से ज्यादा धर्मेन्द्र यादव एवं आबिद रजा की प्रतिष्ठा का बन गया है। रईस अहमद जीते तो, धर्मेन्द्र यादव की लाज बच जायेगी और रईस अहमद हार गये तो, आबिद रजा हीरो साबित हो जायेंगे, इसलिए दोनों नेताओं ने अपनी संपूर्ण शक्ति झोंक दी है। परिणाम क्या होगा, किसकी लाज बचेगी?, इस बारे में 10 मार्च को ही पता चल पायेगा। हालांकि आबिद रजा सदर क्षेत्र में किसी को खुल कर समर्थन नहीं दे रहे हैं, वे पिछले दरबाजे से ही संकेत कर रहे हैं।
उधर रईस अहमद अनुभवी राजनेता नहीं हैं, वे भाषण देने में पारंगत नहीं हैं, जिससे वे कई तरह की गलतियाँ लगातार करते दिखाई दे रहे हैं। रईस अहमद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे समाजवादी पार्टी की आलोचना करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो शहर के साथ गाँव-गाँव तक फैल गया है, जिससे तमाम तरह की चर्चायें हो रही हैं एवं लोग जमकर फजीहत करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के संबंध में रईस अहमद का कोई बयान गौतम संदेश के पास नहीं आया है, उनका बयान आयेगा तो, उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया जायेगा।
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