बदायूं के अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) की स्पेशल टीम के सिपाही पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज है लेकिन, आरोपी सिपाही को अभी निलंबित तक नहीं किया गया है। मुकदमा दर्ज करने और गिरफ्तार करने का दायित्व पुलिस के पास है, जिसका वह अपने हित के अनुसार प्रयोग करती देखी जा सकती है। मुकदमा में नामजद होने के बावजूद सिपाही के साथ सहानुभूति बरती जा रही है।
प्रकरण जिला एटा के थाना मिरहची क्षेत्र में स्थित गाँव नगला नथा का है, इसी थाना क्षेत्र के गाँव साउसपुर निवासी महेश चंद्र यादव का आरोप है कि उसने अपनी बेटी रीता का विवाह धीरेन्द्र सिंह उर्फ गुल्लू से लगभग पांच वर्ष पूर्व किया था। शादी के बाद से ही ससुराल वाले पांच लाख रूपये और एटा में प्लॉट देने की मांग करने लगे थे। दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष रीता को प्रताड़ित करने लगा था और जान से मार देने की धमकी देने लगा था।
आरोप है कि 30 सितंबर को जान से मारने की नीयत से रीता का गला दबाया गया। किसी तरह सूचना मिलने पर मायके वाले पहुंचे तो, रीता उन्हें बेहोशी की हालत में मिली। मायके वाले गंभीर हालत होने के कारण रीता को अलीगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज ले गये, जहाँ उसने 2 अक्टूबर की सुबह दम तोड़ दिया।
मृतका के पिता द्वारा सास मीरा देवी, जेठ सुधीर सिंह यादव, पति धीरेन्द्र सिंह उर्फ गुल्लू और ननद लवली के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। सुधीर सिंह यादव बदायूं के अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) की स्पेशल टीम में तैनात है लेकिन, पांच दिन बाद भी उसे अभी निलंबित तक नहीं किया गया है।
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