बदायूं नगर पालिका परिषद बर्बाद होने की राह पर जा रही है। पार्किंग ठेका टाल कर घोटाला करने की बात सार्वजनिक हुई तो, ठेका कर दिया गया लेकिन, ठेका करने में नियमों की पूरी तरह अनदेखी की गई है। मनमानी करते हुए गत वर्ष की तुलना में घाटे में चहेते व्यक्तियों के नाम कर खुद ही ठेका आवंटित कर लिए गये हैं। बोली लगाने से रोके गये इच्छुक ठेकेदारों ने प्रशासनिक अफसरों से शिकायत पर ठेका निरस्त कराने की मांग की है।
बदायूं नगर पालिका परिषद का पार्किंग का ठेका 31 मार्च को समाप्त हो गया था। परंपरा और नियम के अनुसार नये सत्र का ठेका 31 मार्च से पूर्व ही हो जाना चाहिए था लेकिन, जान कर ठेका नहीं किया गया। अप्रैल और मई का महीना गुजार दिया गया। जून भी जाने के कगार पर है, इस बीच पार्किंग ठेका न करने और घोटाला करने की खबर गौतम संदेश ने प्रकाशित कर दी तो, आज ठेका कर दिए गये लेकिन, ठेका करने में मनमानी की गई है।
संजीव गुप्ता, सुरेश कश्यप और गुड्डू अली का आरोप है कि वह 10 बजे पहुंच गये थे लेकिन, सूर्य प्रकाश सक्सेना नाम के बाबू ने उनसे कह दिया कि उसके भाई की मृत्यु हो गई है, इसलिए आज ठेके नहीं होंगे पर, बाद में पता चला कि ठेके कर दिए गये हैं। उक्त लोगों ने मंडलायुक्त को पत्र भेज कर कहा है कि वे लोग दस प्रतिशत ज्यादा कीमत पर ठेके लेने को तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष की तुलना में बेहद कम कीमत पर ठेके आवंटित कर दिए गये हैं, जबकि अगले वर्ष का ठेका दस प्रतिशत बढ़ा कर उठाने का प्रावधान है।
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