उत्तर प्रदेश में विपक्ष दूर तक नजर नहीं आता, जिससे आम जनता की आवाज कमजोर हो गई, ऐसे विपरीत राजनैतिक वातावरण में लखनऊ स्थित हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रिंस लेनिन उत्तर प्रदेश की जनता की आवाज बन कर उभरे हैं। सरकार के साथ दबंग राजनेताओं, माफियाओं, गुंडों और भ्रष्टाचारियों से अकेले दम पर लोहा लेते नजर आ रहे हैं, लेकिन प्रिंस लेनिन के साहस के सामने कोई नहीं टिक पा रहा है।
जी हाँ, अधिवक्ता प्रिंस लेनिन जनहित याचिकाओं के माध्यम से सरकार को कठघरे में खड़ा कर पीड़ित वर्ग को न्याय दिलाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बुलंदशहर की चर्चित यौन शोषण की वारदात में विजय हासिल की है, उन्हीं की याचिका पर न्यायालय ने सीबीआई जाँच कराने का आदेश पारित किया है।
इससे पहले प्रिंस लेनिन लखनऊ के एनआरएच घोटाला और सीएमओ हत्याकांड में जाँच के आदेश करा चुके हैं, इसी तरह निघासन के सोनम यौन शोषण और हत्याकांड में भी उन्होंने सीबीआई जांच के आदेश पारित कराये थे, इसके अलावा शाहजहांपुर के जागेन्द्र हत्याकांड में भी उन्होंने जनहित याचिका दायर की थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय में एक और याचिका दायर होने से उनकी याचिका उसी से संबद्ध हो गई, जो अभी तक विचाराधीन है। बदायूं के चर्चित कटरा सआदतगंज कांड में भी प्रिंस लेनिन ने याचिका दायर की थी।