बदायूं नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु आज उपचुनाव हुआ। कुल 59.5 प्रतिशत मतदान हुआ, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सत्ता पक्ष के साथ खड़ा ही नजर नहीं आया, बल्कि दबाव में रहा, जिससे सत्ता पक्ष के लोगों ने खुलेआम गुंडई की। हर बूथ दबंगों और गुंडों के चंगुल में रहा। शाम को दबंगई की सीमा पार करते हुए गुंडों ने अधिकाँश बूथ एक तरह से कब्जा ही लिए, जिसके विरोध में देर रात तक भाजपाईयों ने जाम लगा कर हंगामा किया, जिसके बदले भाजपाइयों को पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ीं।
समाजवादी पार्टी ने सदर विधायक आबिद रज़ा की पत्नी फात्मा रज़ा को प्रत्याशी बनाया है, इससे पहले चुनाव में भी वे प्रत्याशी थीं, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के मुकाबले हार गई थीं। इस बार परिणाम न दोहराने की सत्ता पक्ष की पूरी तैयारी रही। पुलिस व प्रशासन सत्ता पक्ष के इतने दबाव में रहा कि भाजपा के प्रभावशाली लोगों को रात में हिरासत में ही ले लिया। पीसी शर्मा को बीती रात करीब तीन बजे सोते समय पुलिस ने घर से उठा लिया। सुबह मतदान शुरू हुआ, तो अधिकाँश बूथों पर दबंग, गुंडे और हिस्ट्रीशीटर तैनात थे, जिन्होंने शाम तक मनमर्जी की और मतदान बंद होने से कुछ देर पहले तो गुंडई की सीमा ही पार कर दी। अधिकांश बूथों पर सैकड़ों वोट जबरन डाल लिए गये, लेकिन मजिस्ट्रेट और पुलिस के अफसर मूक दर्शक बने रहे। बरेली के अपर मंडलायुक्त प्रभात कुमार शर्मा को प्रेक्षक बनाया गया है, वे भी सत्ता पक्ष के सामने नतमस्तक नजर आये।
सत्ता की गुंडई के विरोध में भाजपा प्रत्याशी दीपमाला गोयल और उनके सैकड़ों समर्थकों ने देर शाम डीएम रोड पर अफसरों को घेर लिया और जाम लगा दिया, तो पुलिस ने लाठियां बरसा दीं, जिससे भीड़ भाग खड़ी हुई। बाद में देर रात तक प्रेक्षक, डीएम और एसएसपी के समक्ष भाजपाई गिड़गिड़ाते रहे, पर उनकी किसी ने न सुनीं।
प्रशासन ने मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र रूप से सम्पन्न कराने हेतु दो सुपर जोनल, दो जोनल मजिस्ट्रेट के साथ 6 सेक्टर्स में मतदान प्रक्रिया को विभाजित किया गया था। 31 स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी लगाए गए थे, लेकिन दबंगई रोकने में सभी असफल रहे। मतदान की औपचारिकता ही थी, जो 59.5 प्रतिशत पर जाकर रुकी। उधर नगर पंचायत वजीरगंज के वार्ड नम्बर 12 में 873 मतदाताओं के सापेक्ष 531 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 60.8 प्रतिशत है। नगर पंचायत सैदपुर के वार्ड नम्बर 9 में 775 मतदाताओं के सापेक्ष 380 मतदाताओं ने वोट डाले, जो 49.03 प्रतिशत है। मतगणना 9 अप्रैल को होगी, लेकिन मतदान की प्रक्रिया को देखते हुए आशंका है कि प्रशासन मतगणना में भी निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा पायेगा।