बदायूं में आज पूरे दिन सिरफिरे दबंग दारोगा अशोक कुमार यादव द्वारा किये गये शोषण का प्रकरण ही छाया रहा। पीड़ित के साथ सैकड़ों महिला-पुरुष पुलिस ऑफिस पर जमे रहे। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी भी की, वहीं पीड़ित ने न्याय न मिलने पर जान देने की धमकी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि उझानी कोतवाली में तैनात दारोगा अशोक कुमार यादव पर आरोप है कि उसने माँ की तेरहवीं में जुटे नन्हें सिंह को बेवजह हिरासत में ले लिया और जमकर मार लगाई, जिससे नन्हें का हाथ तक टूट गया। बतौर नन्हें दारोगा का यह कहना था कि उसके लाइन हाजिर होने पर उसने मिठाई बांटी थी, जबकि नन्हें मिठाई बाँटने से भी मना कर रहा है, इस घटना को लेकर पीड़ित नन्हें के पक्ष में सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो गये और रविवार को अशोक के विरुद्ध एसएसपी से कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन अशोक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो आज फिर सैकड़ों ग्रामीण पुलिस ऑफिस पर आ गये और पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे, पर अफसरों पर कोई असर नहीं हुआ। पीड़ित का कहना है कि अशोक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई, तो वह अपनी जान दे देगा।
यहाँ यह भी बता दें कि 4 अगस्त को कछला स्थित गंगा घाट से कांवड़ लेकर लौट रहे शिव भक्तों के साथ उझानी कोतवाली में तैनात दबंग दारोगा अशोक कुमार यादव ने मारपीट कर दी थी, जिस पर कांवड़ियों ने मुख्यालय पर प्रदर्शन कर दिया, इसके बाद एसएसपी ने अशोक को लाइन हाजिर कर दिया था। बताते हैं कि अशोक आपराधिक छवि वाले एक स्थानीय बदनाम नेता का चहेता है, उसी नेता के दबाव में अशोक को पुनः उझानी कोतवाली में तैनात कर दिया गया, इससे पहले एक सीओ ने इसकी दबंगई पर रोक लगाने का प्रयास किया, तो सीओ का ही स्थानांतरण करा दिया गया था, जिससे अशोक बेलगाम हो गया है।
यह भी बताना जरूरी है कि तेजतर्रार एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना के आने से जिले भर में लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में कई घटनायें ऐसी हुई हैं, जिनसे एसएसपी के कमजोर होने का संदेश गया है। अशोक के अलावा जवाहरपुरी पुलिस चौकी पर तैनात जितेन्द्र यादव और दबतोरी पुलिस चौकी पर तैनात धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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