बदायूं से स्थानांतरित कर दिए गये जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक रामरक्षपाल सिंह यादव की दबंगई कम नहीं हो पा रही है। विभागीय कर्मचारी और अफसर परेशान हैं, लेकिन वे विभाग की पत्रावलियां, सीयूजी नंबर, कंप्यूटर वगैरह वापस करने को तैयार नहीं हैं। अफसर सरकारी आवास खाली होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन सरकारी आवास पर अब पत्नी का नाम लिख गया है, जिससे सभी स्तब्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं स्थित जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में तैनात रहे परियोजना निदेशक रामरक्षपाल सिंह यादव से संबंधित भ्रष्टाचार की शिकायतें सांसद धर्मेन्द्र यादव तक पहुंच गईं थीं, जिस पर सांसद ने उन्हें न सिर्फ हड़काया, बल्कि तबादला भी करा दिया था। रामरक्षपाल सिंह यादव का शासन ने जिला इटावा के लिए तबादला किया था, उनकी जगह इटावा में तैनात परियोजना निदेशक रविन्द्र नाथ सिंह को बदायूं में भेजा गया था, लेकिन रामरक्षपाल सिंह यादव इटावा जाने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे रविन्द्र नाथ सिंह भी बदायूं नहीं आ रहे हैं।
तबादले के बाद रामरक्षपाल सिंह यादव और दबंगई पर उतर आये, पहले रिलीव आदेश प्राप्त नहीं किया, फिर सरकारी गाड़ी संख्या- यूपी 24 जी- 0175 के साथ फरार हो गये, जो वरिष्ठ अफसरों के दबाव के बाद वापस कर दी, लेकिन अभी भी उनके पास कई अहम पत्रावलियां हैं, जो लगातार मांगने के बावजूद वापस नहीं कर रहे हैं, जिनमें कुछ पत्रावलियां विजलेंस जाँच से संबंधित भी बताई जा रही हैं, इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी प्रताप सिंह भदौरिया ने परियोजना निदेशक को जाँच के आदेश दिए हैं। आदेश में यह भी लिखा है कि जाँच में दोष सिद्ध होने पर मुकदमा भी पंजीकृत कराया जाये।
सूत्रों का कहना है कि रामरक्षपाल सिंह यादव के पास पत्रावलियों के अलावा सीयूजी नंबर, जनरेटर और एक कंप्यूटर भी है, जिसे वे लगातार मांगने के बावजूद विभाग को वापस नहीं कर रहे हैं, साथ ही सरकारी आवास भी नहीं छोड़ रहे हैं। अफसर सरकारी आवास खाली कराने के प्रयास कर रहे थे, वहीं उनके आवास पर उनकी पत्नी के नाम की प्लेट लग गई है। बता दें कि उनकी पत्नी बीना यादव बदायूं में ही जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि पीडी वाला आवास जिला विद्यालय निरीक्षक बीना यादव को दे दिया गया है, जबकि नियमतः नहीं दिया जा सकता। सूत्रों का यह भी कहना है कि रामरक्षपाल सिंह यादव की रामपुर जिले के शाहबाद क्षेत्र में स्थित गाँव मेघा नगला कदीम में भगवान देवी इंस्टीटयूट नाम से संस्था है, जिसमें वे लगातार बैठ रहे हैं, जबकि कार्रवाई से बचने के लिए मेडिकल के आधार पर छुट्टी पर हैं, जिससे बदायूं के अफसर परेशान हैं।
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