बदायूं में जमीन के अंदर बिजली की लाइन डालने वाली कंपनी का डायरेक्टर सत्ता के दबाव में नहीं आया, तो उसे धर्म के आधार पर ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जा रहा है। मुस्लिम समुदाय के अशिक्षित वर्ग को कंपनी के संबंध में फर्जी कहानियाँ गढ़ कर बलवा कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि मैनपुरी जिले की आरसीएल नाम की कंपनी को बदायूं शहर में जमीन के अंदर 135 कि.मी. तार डालने का 65 करोड़ रूपये में ठेका दिया गया है। शुरुआत में कंपनी के मजदूर खोदी गई नाली को समतल नहीं कर रहे थे, जिसकी शिकायत हुई, साथ ही प्रकरण सांसद धर्मेन्द्र यादव के संज्ञान में पहुंचा, तो उन्होंने अफसरों को कड़े निर्देश दे दिए कि नाली को समतल कराया जाये, उसके बाद सुधार हो गया, लेकिन अब खुलासा हो रहा है कि सत्ता पक्ष के एक दबंग विधायक षड्यंत्र के तहत कंपनी की फर्जी शिकायतें करा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि दबंग विधायक विकास कार्य से खुश नहीं हैं, उनकी नजर कंपनी को मिले 65 करोड़ के ठेके पर है। दबंग विधायक कंपनी के डायरेक्टर पर 5% कमीशन देने का दबाव बनाता रहा है। सूत्रों ने बताया कि डायरेक्टर ने कह दिया कि उसे स्वयं 3% से ज्यादा मुनाफा नहीं होगा, ऐसे में वह 5% कमीशन नहीं दे सकता, यह जवाब सुनने के बाद दबंग विधायक कंपनी के विरुद्ध षड्यंत्र रचने लगा।
सूत्रों का कहना है कि दबंग विधायक ने नगर पालिका परिषद से कंपनी को एनओसी नहीं मिलने दी, लेकिन कंपनी ने कार्य शुरू कर दिया, तो कंपनी की फर्जी शिकायतें शुरू करा दीं। शिकायतें तथ्यहीन पाई गईं, तो अशिक्षित मुस्लिम वर्ग को भड़काना शुरू कर दिया। दबंग विधायक के गुर्गे मुस्लिम वर्ग के अशिक्षित लोगों से कह रहे हैं कि जमीन के अंदर लाइन पड़ने के बाद सभी को कनेक्शन लेना पड़ेगा, मीटर लग जायेगा, जिसका बिल हजार रूपये प्रति महीने से भी ऊपर आयेगा, जिससे तुम सबका बड़ा नुकसान होगा, इसलिए अपने मोहल्लों में लाइन मत पड़ने देना। एक-दो स्थानों पर कंपनी के मजदूरों के साथ अभद्रता हो भी चुकी है।
इसके अलावा मीडिया को मैनेज कर दबंग विधायक द्वारा कंपनी के विरोध में कई तरह की खबरें भी प्रकाशित कराई जा रही हैं, साथ ही शिक्षित वर्ग को भड़काने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है कि कंपनी उल्टी-सीधी सड़कें खोद कर चली जायेगी और मरम्मत के लिए रुपया नहीं देगी, जिससे सड़कें खराब ही रहेंगी, जबकि बदायूं नगर पालिका परिषद को 4,49,12,110 (चार करोड़ उनचास लाख बारह हजार एक सौ दस) रूपये देने का आदेश मध्यांचल विद्युत निगम द्वारा पिछली बार भी किया गया था। निगम के तकनीकी निदेशक वीपी वर्मा द्वारा 22 जून 2016 को आदेश दिया गया था, जिसका कहीं लेखा-जोखा नहीं है। अब बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता मधुप श्रीवास्तव कह रहे हैं कि इस बार भी जितनी क्षति होगी, उसकी भरपाई निगम द्वारा की जायेगी, लेकिन दबंग विधायक द्वारा यह सब छुपाया जा रहा है। दबंग विधायक चाहता है कि किसी भी तरह दबाव बनाने से कंपनी उसे 5% रकम दे दे। दबंग विधायक की ब्लैकमेल करने की कहानी आम जनता के बीच खुल गई है, जिससे दबंग विधायक की छवि तार-तार हो गई है।
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