बदायूं जिले में सत्ता परिवर्तन का असर उल्टा होता नजर आ रहा है। पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज का बिजली कनेक्शन काट दिया गया, जिसका दुष्परिणाम आम जनता और मरीजों को झेलना पड़ा और अब नव-सृजित ब्लॉक में अड़ंगा लग गया। अफसरों की लापरवाही के चलते सांसद धर्मेन्द्र यादव की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
जी हाँ, हाल ही में स्वीकृत हुए ब्लॉक दबतोरी के निर्माण में अड़ंगा लग गया है। बताया जा रहा है कि जिस भूमि पर भवन बनना है, वह शिक्षा विभाग की भूमि है, लेकिन प्रस्ताव राजस्व विभाग ने भेज दिया, जिस पर शासन ने आपत्ति लगा कर पत्रावली वापस लौटा दी। सूत्रों का कहना है कि संबंधित अफसर शिक्षा विभाग से प्रस्ताव करा कर पुनः प्रस्ताव भेजने की तैयारी में जुटे हुए हैं, लेकिन शासन स्तर पर पैरवी करने वाला अब कोई नहीं है, क्योंकि सपा सरकार में सांसद धर्मेन्द्र यादव के नाम से ही पत्रावली आगे बढ़ती रहती थी, साथ ही सपा सरकार में ग्राम्य विकास विभाग के राज्यमंत्री रहे ओमकार सिंह यादव बदायूं जिले के सहसवान विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं, जिससे अड़चन नहीं आती थी, पर अब माना जा रहा है कि दबतोरी ब्लॉक की पत्रावली गेंद की तरह इधर-उधर उछलती रहेगी।
बता दें कि बदायूं जनपद में पहले 18 ब्लॉक थे, लेकिन रजपुरा, जुनावई और गुन्नौर ब्लॉक नये जिले सम्भल में चले जाने से बदायूं जिले में 15 ब्लॉक ही रह गए। सांसद धर्मेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री से मिल कर नाधा, दबतोरी तथा बिनावर को ब्लॉक मुख्यालय बनवाया और 26 दिसंबर को सभी का शुभारंभ कराया। गुन्नौर, रजपुरा और धनारी थाना संभल में चले जाने के कारण सांसद तीन थाने बनवाने के प्रयास भी कर रहे थे।
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