पूर्व गृह राज्यमंत्री और कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद ब्लैकमेलर भी है?, यह सवाल आज कल शाहजहाँपुर में आम चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि चिन्मयानंद जिस व्यक्ति के विरुद्ध आंदोलन चलवा रहा था, उसी व्यक्ति को अपनी संस्था की कमेटी में पदाधिकारी बना दिया।
बताते हैं कि पूर्व गृह राज्यमंत्री और कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद ने सोशल साइट्स पर अपनों चमचों से एक ग्रुप बनवा रखा है। ग्रुप के सदस्य मुमुक्षु आश्रम द्वारा संचालित संस्थाओं के शिक्षक और शहर के कुछ गणमान्य लोग हैं। बताते हैं कि चिन्मयानंद ने ग्रुप में शाहजहाँपुर के कुछ कारखानों के विरुद्ध प्रदूषण को लेकर आंदोलन करने का आह्वान कराया, उसके कारिंदों ने ग्रुप में आंदोलन को लेकर अभियान चलाया, इस षड्यंत्र को शहर के गणमान्य लोग समझ नहीं पाये। उत्साहित गणमान्य नागरिकों ने एक प्रतिनिधि मंडल गठित किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंच गये।
शाहजहाँपुर के तेजतर्रार जिलाधिकारी ने प्रतिनिधि मंडल की समस्या को गंभीरता से सुना और तत्काल तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जाँच करने का आदेश दे दिया। बताते हैं कि जिलाधिकारी द्वारा जाँच का आदेश देते ही के. आर. पेपर मिल का मालिक कथित संत चिन्मयानंद से मिलने पहुंच गया। सूत्रों का कहना है कि चिन्मयानंद ने उसे अपनी संस्था में सचिव पद भी दे दिया है, जिससे शाहजहाँपुर में यह सवाल आम चर्चा का विषय बना हुआ है कि चिन्मयानंद ब्लैकमेलर भी है क्या?, चिन्मयानंद के इस तरह पलटी मारने से गणमान्य नागरिक व प्रकृति प्रेमी आहत हैं। बता दें कि चिन्मयानंद कागजों में हेराफेरी कर के प्राचीन और प्रतिष्ठित मुमुक्षु आश्रम का अध्यक्ष बना हुआ है, जिसके अधीन कई शैक्षिक संस्थायें संचालित होती हैं।
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