बदायूं विधान परिषद क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक को प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन प्रेम स्वरूप पाठक चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पाये। सूत्रों का कहना है कि उनके बेटे वागीश पाठक ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, जिससे कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा एक अन्य प्रत्याशी को मैदान में उतारने का विचार कर रही है, लेकिन अभी कोई भाजपा नेता कुछ भी खुल कर बोलने तैयार नहीं है। बता दें कि जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे, जिससे भाजपा की बड़ी फजीहत हो रही है। चर्चा यह भी है कि पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने मोटी रकम पैदा की है, जो हाईकमान के संज्ञान में है, इसलिए विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी उतारने का भाजपा के स्थानीय नेताओं पर दबाव बना हुआ है।
नवनियुक्त जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य के लिए भी परीक्षा की घड़ी है, क्योंकि उनके द्वारा दायित्व संभालने के बाद पार्टी जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतार सकी और अब विधान परिषद चुनाव से भी पार्टी दूर रही, तो हरीश शाक्य के नंबर निःसंदेह कम होंगे।
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