पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने लोकतांत्रिक प्रणाली को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। कर्नाटक में बी. एस. युदियुरप्पा और उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य के अध्यक्ष बनने से अधिकांश लोग स्तब्ध हैं, क्योंकि यह दोनों नेता न सिर्फ विवादित रहे हैं, बल्कि गंभीर आरोपों के घेरे में रहे हैं, लेकिन यह दोनों नेता कट्टरपंथी माने जाते हैं, जिससे माना जा रहा है कि उदारता के रास्ते पर चल कर नुकसान उठा चुकी भाजपा पुनः कट्टरपंथी मार्ग पर लौट रही है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली भाजपा चुनाव के माध्यम से राज्यों में अध्यक्ष नहीं बनवा पाई। तानाशाही अंदाज में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज पांच राज्यों में अध्यक्ष नियुक्त कर दिए हैं, जिसकी घोषणा राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह ने की। विज्ञप्ति के अनुसार उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, कर्नाटक के अध्यक्ष बी. एस. यिदुयुरप्पा, पंजाब के अध्यक्ष विजय सांपला, तेलंगाना के डॉ. के. लक्ष्मण और आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष तापिर गाव नियुक्त किये गये हैं।
कर्नाटक के बी. एस. यिदुयुरप्पा विवादों और आरोपों के चलते राष्ट्रीय स्तर पर छाये रहे हैं, जिससे उनके बारे में अधिकांश लोग जानते ही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के केशव प्रसाद मौर्य के नाम से अधिकांश लोग अनिभिज्ञ हैं, वह प्रदेश स्तर के नेता नहीं रहे हैं। लक्ष्मीकांत वाजपेई की तरह ही प्रदेश अध्यक्ष बना दिए गये हैं। केशव प्रसाद मौर्य के अतीत की बात करें, तो बेहद गरीब परिवार से संबंधित हैं, लेकिन आज करोड़ों के स्वामी हैं।
केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले में स्थित सिराथू क्षेत्र के गाँव कसया के रहने वाले हैं, इनके पिता श्याम लाल चाय की दुकान चलाते थे, जिसमें केशव प्रसाद मौर्य मदद करते थे, साथ ही उस समय अखबार भी बेचते थे, लेकिन वर्तमान में पेट्रोल पंप, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी, कामधेनु लॉजिस्टिक के मालिक और जीवन ज्योति अस्पताल में पार्टनर भी हैं।
आपराधिक इतिहास की बात करें, तो 2011 में हुए मोहम्मद गौस हत्याकांड के आरोपी हैं, इसके अलावा पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार केशव पर 143, 188, 302, 120बी, 153, 147, 148, 352, 323, 504, 506, 295, 420, 467, 465, 171, 392, 353, 332, 427, 380, 336, 186, 427, 341 आईपीसी के अंतर्गत विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं।
राजनैतिक दृष्टि से केशव विहिप से 18 वर्ष से जुड़े हैं, वे गंगापार और यमुनापार में प्रचारक रहे हैं। वर्ष- 2002 में शहर पश्चिमी विधान सभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में राजनैतिक यात्रा शुरू की, लेकिन बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने हरा दिए थे, इसके बाद वर्ष- 2007 में उन्होंने पुनः चुनाव लड़ा और फिर जीत गये। वर्ष- 2012 के चुनाव में भी उन्हें सिराथू विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल हुई और इस वक्त सांसद हैं। केशव प्रसाद मौर्य 3564 मतों के अंतर से जीते थे। उन्हें विहिप के करीबी और कट्टरपंथी के साथ मौर्य जाति का होने के कारण प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, इसका लाभ भाजपा को कितना मिलेगा, यह अब भविष्य ही तय करेगा।