भाजपा नेता लक्ष्मी कांत वाजपेई को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया। आश्चर्य की बात यह है कि लगभग चार घंटे हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने वे छोड़ भी दिए। सूचना फैलने से आसपास के जिलों के भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।
बताते हैं कि आगरा में मारे गये विहिप नेता अरुण माहौर के घर लक्ष्मी कांत वाजपेई शोक संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे, इसकी भनक पुलिस को लग गई। लक्ष्मी कांत वाजपेई बदायूं जिले की दिशा से जाते हुए कासगंज जिले की सीमा में सुबह करीब आठ बजे पहुंचे, तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया और दोनों जिलों की सीमा पर उन्हें करीब चार घंटे बंधक बना कर रखा गया। बताते हैं कि आसपास के जिलों में भाजपाईयों को सूचना मिल गई थी, जिससे सैकड़ों कार्यकर्ता सीमा की ओर निकल चुके थे, यह पता चलते ही पुलिस विभाग के अफसरों के हाथ-पाँव फूलने लगे, तो पुलिस ने करीब 12 बजे लक्ष्मी कांत वाजपेई को मुक्त कर दिया। सवाल यह है कि लक्ष्मी कांत वाजपेई का शांति व्यवस्था की दृष्टि से आगरा जाना उचित नहीं था, तो पुलिस ने उन्हें बाद में भी क्यूं जाने दिया?