शाहजहाँपुर का कथित कुख्यात संत व पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्ण पाल सिंह एसआईटी की जाँच से घबरा कर हरिद्वार भागने का प्रयास कर रहा था लेकिन, सतर्क एसआईटी ने और कड़ा शिकंजा कस दिया। चिन्मयानंद के कमरे के बाहर कड़ा पहरा बैठा दिया गया है, उससे एसआईटी की अनुमति के बिना अब कोई मिल नहीं सकता। पीड़ित छात्रा को चरित्रहीन घोषित करने का प्रयास भी विफल हो गया है, जिससे चिन्मयानंद बेहद डरा-सहमा बताया जा रहा है।
पढ़ें: कहाँ गई चरित्रहीन पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की पत्नी अमितानंद?
उल्लेखनीय है कि शाहजहांपुर की एक छात्रा ने एक वीडियो क्लिप के द्वारा चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वीडियो में छात्रा ने अपने और अपने परिवार पर खतरा होने की बात कही थी, जिसके आधार पर छात्रा के पिता ने 27 अगस्त को शाहजहांपुर स्थित चौक कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उच्च स्तरीय दबाव के बाद मुकदमा दर्ज किया था।
पढ़ें: न्यायालय का सरकार को चिन्मयानंद के विरुद्ध एसआईटी गठित करने का आदेश
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था, जिसके बाद न्यायाधीश आर. भानुमति और ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी। छात्रा राजस्थान में पाई गई, जिसे न्यायालय ने अपने पास बुलवा लिया और दिल्ली पुलिस की अभिरक्षा में दे दिया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह आरोपी पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करे। एसआईटी का नेतृत्व आईजी स्तर का अधिकारी करे, जिसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय करे, साथ ही छात्रा और उसके भाई का नामांकन अन्य संस्थान में कराये।
पढ़ें: चिन्मयानंद की अय्याशी के वीडियो वायरल, भाजपा व संत समाज कर सकते हैं बर्खास्त
न्यायालय के आदेश पर गठित की गई योग्य अफसरों की टीम शाहजहाँपुर में जाकर विवेचना करने में जुट गई, इस बीच शाहजहाँपुर में पीड़ित छात्रा की ओर से एक दर्जन से अधिक वीडियो वायरल हो गये, जिनमें कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद की पीड़ित छात्रा तेल से मालिश करती नजर आ रही है। निर्वस्त्र चिन्मयानंद छात्रा से अश्लील बातें करते हुए भी दिख रहा है, इसी तरह एक वीडियो और वायरल हुआ, जिसमें कई लड़के और छात्रा चलती गाड़ी में रूपये मांगने और मैसेज भेजने की चर्चा करते नजर आ रहे हैं, इसी वीडियो को लेकर चिन्मयानंद और उसके कथित समर्थक उत्साहित हो उठे थे लेकिन, वे यह भूल ही गये थे कि चिन्मयानंद संत है, वह स्त्री के संपर्क में आने की कल्पना भी नहीं कर सकता।
पढ़ें: कानून से बड़ा समाज का अपराधी है कथित संत चिन्मयानंद, समाज ही दे सजा
चिन्मयानंद ने एक और घृणित कार्य करा दिया। हॉस्टल के जिस कमरे में पीड़ित छात्रा रहती थी, उसमें एसआईटी के पहुंचने से पहले ऐसी-ऐसी वस्तुयें रखवा दी, जिन्हें देखने से एसआईटी और समाज छात्रा को चरित्रहीन समझे। एसआईटी चिन्मयानंद के षड्यंत्र से भ्रमित नहीं हुई, वह विवेचना में जुटी रही। बीती रात चिन्मयानंद से पूछ-ताछ की तो, वह समझ गया कि उसका बचना अब मुश्किल है, सो शुक्रवार की सुबह हरिद्वार भागने की तैयारी करने लगा।
पढ़ें: अगर, छात्रा की ओर से रूपये मांगे गये हैं, फिर भी निर्दोष नहीं है चिन्मयानंद
हरिद्वार में संतों का जमावड़ा रहता है। चिन्मयानंद हरिद्वार में जाकर संतों के बीच स्वयं को सुरक्षित करना चाहता था, उसे लगता है कि हरिद्वार आकर उसे गिरफ्तार करने से टीम बचती पर, सतर्क टीम को पहले से ही चिन्मयानंद के भागने का अहसास था, सो टीम ने सुबह करीब 3: 30 बजे मुमुक्ष आश्रम सील कर दिया। शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित करा दिया, साथ ही एक कमरा चिन्मयानंद को दिया गया है, जिसके बाहर कड़ा पहरा बैठा है। चिन्मयानंद से एसआईटी की अनुमति के बिना कोई मिल नहीं सकता।
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी शनिवार को पीड़ित छात्रा के न्यायालय में धारा- 164 के अंतर्गत बयान दर्ज करा सकती है। बयान चिन्मयानंद के विरुद्ध हुए तो, उसे एसआईटी तत्काल गिरफ्तार भी कर सकती है, वहीं एसआईटी के शिकंजे के बाद चिन्मयानंद की दहशत कम होती जा रही है, अब वह स्वयं डरा-सहमा बताया जा रहा है। शाहजहाँपुर के विरुद्ध साहसी युवा खुल कर सामने आने लगे हैं। युवाओं ने कैंडिल मार्च निकाल कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)