बदायूं जिले के कस्बा बिसौली की कोतवाली पुलिस ने एक पक्ष के अट्ठारह लोगों को नामजद करते हुए करीब तीन सौ लोगों पर गंभीर धाराओं का मुकदमा ठोंक दिया है। पुलिस द्वारा गोपनीयता बरती जा रही है, लेकिन खुलासा होने के बाद बिसौली के लोग अब पुलिस के विरुद्ध लामबंद हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के कस्बा बिसौली में जुलुस-ए-मुहम्मदी के दौरान पाकिस्तान का झंडा लहराने का मामला प्रकाश में आया था। झंडा कोतवाल, सीओ और एसडीएम की उपस्थिति में लहराया गया, इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन ने न तत्काल कोई कार्रवाई की और न ही जुलुस के बाद कोई कार्रवाई की, इसका वीडियो वायरल हो गया, तो जिले भर में लोग निंदा करने लगे। बिसौली में तिरंगा लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया, साथ ही जिला मुख्यालय पर तमाम संगठनों ने प्रदर्शन किया और भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने भी राज्यपाल के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने की मांग की। उक्त प्रकरण तूल पकड़ गया, तो पुलिस ने देश द्रोह की जगह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मुकदमा दर्ज कर लिया, साथ ही शुक्रवार को दोनों पक्षों के लोगों की बैठक बुला कर नेताओं के बीच समझौता करा दिया। चूँकि नेता पुलिस-प्रशासन के चमचे होते हैं, तो अफसरों ने उन्हें मना लिया, लेकिन आम जनता कार्रवाई ही चाहती थी। इसके अलावा एक नाथ जी के प्राचीन मन्दिर को लेकर भी विवाद चल रहा है। शुक्रवार के शांति समझौते में यह भी माना गया था कि मन्दिर की बाउंड्रीवाल बनाने में अब कोई आपत्ति नहीं करेगा, लेकिन आज निर्माण के लिए मजदूर पहुंचे, तो उन्हें दूसरे पक्ष के लोगों ने भगा दिया।
घटना के बाद दोनों पक्ष लामबंद हो गये, साथ ही बाजार बंद कर दिया गया। एक पक्ष के लोगों ने एक धार्मिक स्थल का ताला तोड़ दिया, जिसे पुलिस ने तत्काल लगवा दिया, लेकिन शनिवार का दिन तनाव में ही गुजरा। अब सूचना मिल रही है कि बिसौली कोतवाली पुलिस ने एक पक्ष के अट्ठारह लोगों को नामजद करते हुए करीब तीन सौ लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं के अंतगर्त मुकदमा पंजीकृत किया है। सूत्रों का कहना है कि मुकदमे में भाजपा के युवा नेता नामजद किये गये हैं, जिससे अब लोग पुलिस के विरुद्ध लामबंद हो सकते हैं।
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