बदायूं जिले में स्थित बिसौली विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं ने इतिहास रच दिया है, वहीं यहाँ से चुनाव जीते भाजपा के कुशाग्र सागर ने भी व्यक्तिगत रूप से इतिहास दोहराया है। राजनैतिक दृष्टि से दिवालिया होने के कगार पर पहुंचे माता-पिता को मोदी लहर के सहारे कुशाग्र सागर ने संजीवनी दी है, जिससे परिवार में जश्न का माहौल है।
पूर्व विधायक व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री योगेन्द्र सागर के बेटे हैं कुशाग्र सागर। योगेन्द्र सागर बिल्सी (सुरक्षित) क्षेत्र से विधायक चुने गये थे, उन्होंने वर्ष- 1993 में कद्दावर नेता भोला शंकर मौर्य को मात दी थी, इसके बाद भाजपा के टिकट पर बसपा सुप्रीमो मायावती को भी चुनौती दी, लेकिन मामूली अंतर से हार गये, जिस पर भाजपा सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया, इसके बाद वे बसपा में चले गये, तो मायावती की लहर में जीत गये, लेकिन बसपा सरकार में उनका नाम यौन शोषण के प्रकरण में आ गया, जिससे उनका राजनैतिक कैरियर तबाह हो गया, इस बीच परिसीमन के चलते बिसौली क्षेत्र सुरक्षित हो गया और बिल्सी सामान्य, तो उन्होंने भी कर्मभूमि बदल दी, लेकिन यौन शोषण के प्रकरण में फंसे होने के कारण बसपा ने उनकी जगह पत्नी प्रीती सागर को टिकट दिया, पर वे सपा के आशुतोष मौर्य “राजू” से चुनाव हार गईं।
इस बार योगेन्द्र सागर हालातों के चलते स्वयं पीछे हट गये और बेटे कुशाग्र सागर को भाजपा की सदस्यता दिला दी। भाजपा ने युवा कुशाग्र को टिकट दिया, तो विजयी भव का आशीर्वाद देकर मतदाताओं ने कुशाग्र को गले लगा लिया, पहली बार इतनी कम उम्र का विधायक चुना गया है, इसके अलावा योगेन्द्र सागर ने बिल्सी क्षेत्र से भोला शंकर मौर्य को हराया था, इस बार उनके बेटे कुशाग्र और भोला शंकर मौर्य के बेटे आशुतोष मौर्य “राजू” में भिड़ंत हुई, तो कुशाग्र ने आशुतोष को हरा कर इतिहास दोहरा दिया। हालांकि सपा के आशुतोष को पिछले चुनाव के बराबर ही 89599 वोट मिले हैं, पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में कुशाग्र को 100287 वोट मिल गये, जो अपने में एक रिकॉर्ड ही है, इसके अलावा पिछले चुनाव में कद्दावर नेता योगेन्द्र कुमार गर्ग “कुन्नू बाबू” ने अपने बेटे की तरह ही आशुतोष की मदद की थी, पर वे स्वर्ग सिधार गये, जिसका सीधा नुकसान आशुतोष को हुआ है।
खैर, सबसे कम उम्र के इस ऊर्जावान विधायक कुशाग्र सागर से क्षेत्र के लोगों को बड़ी अपेक्षायें हैं। हाल-फिलहाल कुशाग्र अपेक्षाओं पर खरा उतरने की बात दोहरा भी रहे हैं, लेकिन यह भविष्य में ही पता चल सकेगा कि कुशाग्र सफल विधायक साबित होंगे, या असफल।
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पत्रकारों से बात करते नव-निर्वाचित युवा भाजपा विधायक कुशाग्र सागर