इस्लाम के करोड़ों अनुयायियों के लिए गमगीन कर देने वाली खबर है। दरगाह आला हजरत के हजरत अख्तर रजा खाँ अजहरी मियाँ का इंतकाल हो गया। निधन शुक्रवार शाम लगभग 7: 45 बजे बरेली स्थित मिशन अस्पताल में हुआ। अजहरी मियां के इंतकाल की खबर सुनते ही दुनिया भर में फैले करोड़ों मुरीद शोक ग्रस्त हैं।
आला हजरत फाजिले बरेलवी के इल्मी वारिस की हैसियत से ताजुश्शरिया के नाम से पहचाने जाने वाले हजरत अख्तर रजा खाँ अजहरी मियाँ ने अरबी, फारसी, उर्दू सहित अन्य भाषाओं में दर्जनों किताबें लिखी हैं, उन्होंने इस्लाम के सबसे प्राचीन और सबसे बड़े विश्व विद्यालय माने जाने वाले मिस्र के जामिया अल अजहर काहिरा में तालीम हासिल की, साथ ही बेहतरीन तालीमी रिकॉर्ड के लिए मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल अब्दुल नासिर के हाथों फख्र-ए-अजहर का अवार्ड भी प्राप्त किया था।
हजरत अख्तर रजा खाँ अजहरी मियाँ को इमाम अहमद रजा फाजिले बरेलवी का इल्मी जानशीन कहा जाता है। जॉर्डन की राजधानी अम्मान के रॉयल स्ट्राजिक सेंटर से हर साल जारी होने वाली दुनिया के 500 प्रभावशाली मुसलमानों की लिस्ट में टॉप- 25 मशहूर शख्सियत में वे शामिल रहे हैं, वे भारतीय उप-महाद्वीप में अहले सुन्नत वल जमात के बड़े और बुजुर्ग आलिमों में से एक थे, उनके दुनिया भर में करोड़ों मुरीद हैं, जो निधन की खबर सुनते ही गमगीन हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)