गोरखपुर के बीआरडी कांड के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सुधरने को तैयार नजर नहीं आ रहा है। बरेली के जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर है। हालात इतने भयावह हैं कि जन्म के कुछ घंटों बाद ही बच्चे दम तोड़ देते हैं। लगातार कई घटनायें होने पर लोगों ने आवाज उठाई, तो पुलिस तैनात कर दी गई। अब परिजनों को पता ही नहीं चलेगा कि वार्ड में अंदर उनके मरीज के साथ क्या किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बरेली के जिला महिला अस्पताल में पिछले चार दिनों में जन्म लेने के कुछ घंटे बाद कई बच्चे दम तोड़ चुके हैं। स्टाफ परिजनों से कह देता है कि बच्चा पेट में ही मर गया था, इसलिए मृत बच्चा जन्मा। स्टाफ की लापरवाही की पोल तब खुली, जब एक जच्चा ने बताया कि बच्चे को जन्म देते समय वह होश में थी, उसका बच्चा रोया था और नर्स उसे दूसरी जगह ले गई थी, उसने अपने बच्चे को अच्छे से देखा था, यह जानने के बाद परिजनों ने बुधवार को हंगामा किया। लापरवाह स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई करने की जगह सीएमएस ने महिला वार्ड के बाहर पुलिस तैनात करा दी, जो वार्ड के अंदर परिजनों को झाँकने तक नहीं दे रही। सरकारी व्यवस्था के बीच परिजनों के बिना गरीब गर्भवती महिलायें फंसी हुई हैं, जिनके साथ कुछ भी हो सकता है, लेकिन कोई सुनने और देखने वाला नहीं है।
अस्पताल के स्टाफ और पुलिस से त्रस्त तीमारदारों ने बताया कि वार्ड में कुछ भी पहुँचाने के बदले पुलिस कर्मी रूपये मांगती है और रूपये न दें, तो झाँकने तक नहीं देती। वार्ड के अंदर की व्यवस्थायें बेहद खराब हैं, पर गरीब लोग निजी अस्पताल का खर्च नहीं उठा सकते और जिला अस्पताल में उपचार कराते समय उनकी सांसें हर समय अटकी रहती हैं कि अंदर से न जाने कब, कैसी खबर आ जाये।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)