बैंक की कतार में स्तन दबाने से निकल गई किशोरी की चीख

बैंक की कतार में स्तन दबाने से निकल गई किशोरी की चीख
बैंक की कतार में स्तन दबाने से निकल गई किशोरी की चीख

बदायूं में भी नोटबंदी का व्यापक स्तर पर असर नजर आ रहा है। बैंकों में लंबी कतारें कम नहीं हो पा रही हैं। नागरिकों को सुरक्षा देने और भ्रष्टाचार पर नजर रखने में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। कतार में लगी महिलाओं का यौन शोषण रोकने में भी पुलिस असफल साबित हो रही है।

यौन शोषण की सनसनीखेज वारदात विकास भवन में दूसरी मंजिल पर स्थित पंजाब नैशनल बैंक की शाखा की है, यहाँ भी लंबी कतार लगी रहती है। विकास भवन में तमाम वरिष्ठ अफसर बैठते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को प्राथमिक सुविधायें तक नहीं दिला पा रहे हैं। बताते हैं कि गुरूवार को माँ के साथ एक नाबालिग किशोरी भी कतार में थी, उसके आगे-पीछे कई युवा थे, जो उस पर भद्दी फब्तियां कस रहे थे, लेकिन माँ-बेटी बिना कुछ कहे कतार में खड़ी रहीं, तभी एक मनचले ने किशोरी के स्तन खींच लिए और इतनी जोर से दबाव दिया कि किशोरी की चीख निकल गई, उसकी चीख सुनते ही कतार में लगे सभ्य लोगों की आँखों में खून उतर आया और सभी मिल कर मनचले की पिटाई करने लगे, जिससे अफरा-तफरा मच गई। सुरक्षा में लगे सिपाही इधर-उधर घूम रहे थे, जो हंगामे के बाद आये और मनचले को भीड़ से छुड़ा कर ले गये। बताते हैं कि सिपाहियों ने मनचले को थाने पहुँचाने की जगह छोड़ दिया। बताते हैं कि विकास भवन में मौसम बदलने के कारण दिन में ही अंधेरा रहने लगा है, लेकिन प्रकाश की व्यवस्था नहीं गई है, जिससे किशोरी के साथ निंदनीय वारदात घटित हो गई।

उधर ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं कि बैंकों के कर्मचारी अपने परिचितों को रूपये बदलने में सहूलियत प्रदान कर रहे हैं। एसबीआई की कृषि शाखा में तैनात एक कर्मचारी शहर के मोहल्ला कुबूलपुरा में रहता है, जिसके बारे में यह चर्चा आम हो चुकी है कि वह रोज अपने बैग में पचास हजार रूपये लेकर आता है और बदल कर ले जाता है। बताते हैं कि उसके घर पर देर रात तक नोट बदलने वालों की कतारें लगी रहती हैं, जिनसे वो मोटा कमीशन वसूल रहा है, लेकिन पुलिस व प्रशासन की नजर उस पर भी नहीं है, जबकि आम जनता हाहाकार कर रही है।

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