दलित परिवार की नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना में समूचा पुलिस प्रशासन सत्ताधारी विधायक के पक्ष में खुल कर आ गया है। किशोरी के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। पीड़ित पिता ने वकील के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है कि पुलिस उसकी बेटी को विधायक के पक्ष में बयान देने के लिए प्रताड़ित कर रही है, वहीँ भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस ने आज किशोरी को कोर्ट में पेश किया, जहां मजिस्ट्रेट ने उसके बयान दर्ज किये। पुलिस किशोरी के माता-पिता को देखने तक नहीं दे रही, इस पर मजिस्ट्रेट ने विवेचक को कड़ी फटकार भी लगाई। बाद में लड़की को नारी निकेतन भेज दिया। किशोरी को कोर्ट में कल फिर पेश किया जायेगा। बताया जाता है कि विधायक के दबाव में डॉक्टर ने भी किशोरी को बालिग करार दिया है, जबकि स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार किशोरी की उम्र अभी 16 वर्ष भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जिला बदायूं स्थित इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव नूरपुर पिनौनी निवासी जाटव परिवार की एक नाबालिग लड़की को विदलेश यादव उर्फ प्रवेश यादव निवासी रामपुर खादर थाना रजपुरा जिला संभल किसी तरह 23 अप्रैल को साथ ले गया था, जिसका थाना इस्लामनगर में मुकदमा दर्ज है। गरीब दलित परिवार की किशोरी की बरामदगी को लेकर पुलिस गंभीर नहीं थी, इस बीच दुष्कर्म और दोहरे हत्याकांड की सनसनीखेज घटना को लेकर कटरा सआदतगंज में बसपा सुप्रीमो मायावती आईं, तो पीड़ित दंपत्ति मायावती से मिला, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और पांच मई को किशोरी सहित मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने मुख्य आरोपी विद्लेश यादव को तो जेल भेज दिया, लेकिन किशोरी को अपनी हिरासत में रखा, जबकि चौबीस घंटे के अंदर उसे भी कोर्ट में पेश करना चाहिए था। मंगलवार को मीडिया के समक्ष बयान देने के बाद से किशोरी और उसके परिजनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। किशोरी ने खुलासा किया था कि उसे गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र के सपा विधायक राम खिलाड़ी सिंह यादव की कोठी में बंधक बना कर रखा गया, साथ ही विधायक की कोठी पर रख कर उसे प्रताड़ित किया गया। यह खबर प्रसारित होने पर पुलिस ने लड़की को पूरी तरह नज़र बंद कर दिया और उसके परिजनों के थाने में घुसने पर ही प्रतिबंध लगा दिया। पीड़ित पिता ने आज कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि पुलिस उसकी बेटी को प्रताड़ित कर विधायक के पक्ष में तोड़ने का प्रयास कर रही है।
पीड़ित पिता की आशंका दोपहर में लगभग सच भी साबित हो गई। दोपहर में पुलिस भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किशोरी को कोर्ट लेकर आई, तो भी पुलिस ने माता-पिता को पास तक नहीं फटकने दिया, जिस पर वकील ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस की मनमानी की बात रखी, तो एसीजेएम द्वितीय राकेश कुमार ने विवेचक सीओ राजवीर सिंह को कड़ी फटकार लगाई, जिसके बाद माता-पिता कोर्ट में ही किशोरी से मिल सके। माता-पिता से मिलते ही किशोरी फफक-फफक कर रो पड़ी और साथ जाने की गुहार लगाने लगी। माता-पिता के अनुसार पुलिस उनकी बेटी को गाड़ी में बैठा कर देर रात कहीं ले जाती थी और प्रताड़ित करती थी। किशोरी को कई रातों से सोने नहीं दिया गया है। पुलिस वाले उसे पूरी-पूरी रात विधायक के पक्ष में बयान देने का दबाव बनाते थे। फिलहाल डरी-सहमी किशोरी के एएएम प्रथम संगीता कुमारी ने बयान दर्ज कर लिए हैं, इसके बाद एसीजेएम द्वितीय राकेश कुमार ने किशोरी को नारी निकेतन भेज दिया। अब उसे कल कोर्ट में पुनः पेश किया जायेगा।
उधर सूत्रों का कहना है डॉक्टर ने विधायक के दबाव में किशोरी को बालिग करार दे दिया है, जबकि किशोरी की जन्म तिथि स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार एक जुलाई 1998 है। किशोरी अपनी बुआ के घर रह कर जिला जेपी नगर के गाँव दमगढ़ी स्थित जूनियर हाई स्कूल में पढ़ती थी, जिसके प्रधानाचार्य द्वारा जारी किये गये प्रमाण पत्र के अनुसार वह नाबालिग है।
पीड़ित पिता ने यह भी बताया कि अज्ञात लोगों द्वारा उसे भी धमकाते हुए चेतावनी दी जा रही है कि वह विधायक के विरुद्ध बयानबाजी और कार्रवाई करनी बंद नहीं करेगा, तो सही नहीं होगा।
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