फात्मा रजा के सामने दीपमाला गोयल के अलावा कोई और ठहर भी सकेगा?

फात्मा रजा के सामने दीपमाला गोयल के अलावा कोई और ठहर भी सकेगा?
फात्मा रजा और दीपमाला गोयल।

बदायूं नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष फात्मा रजा का कार्यकाल 8 अगस्त को पूर्ण हो जायेगा। चुनाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन टिकट को लेकर राजनैतिक दलों के अंदर संभावित प्रत्याशी लंबे अर्से से मेहनत कर रहे हैं। प्रत्याशी कई सारे होंगे, लेकिन मुकाबला सिर्फ सपा-भाजपा प्रत्याशी के बीच ही माना जा है, जिससे इन्हीं दोनों दलों के प्रत्याशियों पर मतदाताओं की नजर टिकी रहेगी।

बात समाजवादी पार्टी की करें, तो आवेदन कई सारे लोगों ने किये हैं, पर टिकट फात्मा रजा की झोली में ही जायेगा। जमीनी दृष्टि से देखा जाये, तो समाजवादी पार्टी के पास फात्मा रजा से मजबूत प्रत्याशी नहीं है। भाजपा की सरकार है एवं सदर क्षेत्र से विधायक भी भाजपा के हैं, इसके बावजूद फात्मा रजा को विजयी प्रत्याशियों की श्रेणी में सबसे ऊपर माना जा रहा है। फात्मा रजा को शीर्ष पर रखने के कारण भी हैं। उप चुनाव में फात्मा रजा ने रिकॉर्ड मतों के अंतर से भाजपा की दीपमाला गोयल को हराया था, इस आंकड़े को कुछ लोग यह कह कर निरस्त कर सकते हैं कि उप चुनाव सपा सरकार में हुआ था, लेकिन बात विधान सभा चुनाव की करें, तो सपा के आबिद रजा और भाजपा के महेश चंद्र गुप्ता के बीच शहर क्षेत्र में लगभग ढाई हजार का अंतर रहा है, यह अंतर पालिकाध्यक्ष के चुनाव में नहीं रह सकेगा, इसलिए फात्मा रजा के नाम से ही विरोधियों की नींद उड़ी हुई है।

अब बात भारतीय जनता पार्टी की करते हैं। भाजपा में कई नये-पुराने चेहरे टिकट मांग रहे हैं। कोई संगठन में मजबूत है, कोई फेसबुक पर मजबूत है, तो कोई किसी बड़े नेता से नजदीकी संबंध होने पर उछल रहा है, लेकिन जनता के बीच दीपमाला गोयल के अलावा कोई लोकप्रिय नहीं है और न ही कोई सर्वमान्य है, वे दो चुनाव हार चुकी हैं, इसके बावजूद उनके अलावा भाजपा के पास दूसरा कोई व्यक्ति नहीं है, जो फात्मा रजा से मुकाबला भी कर सके। मतदाताओं के बीच चर्चा है कि दीपमाला गोयल के अलावा भाजपा ने किसी और को टिकट दे दिया, तो फात्मा रजा उप चुनाव वाले रिकॉर्ड को भी दोहरा सकती हैं।

खैर, स्वतंत्रता दिवस के बाद चुनावी गतिविधियाँ तेज होने लगेंगी। सितंबर के अंत में प्रत्याशियों के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सपा-भाजपा किसे टिकट देगी, यह दोनों पार्टियों की घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन इतना तय है कि सपा-भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही आने वाला चुनाव परिणाम लगभग स्पष्ट हो जायेगा।

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