बदायूं सदर क्षेत्र से विधायक आबिद रजा को समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद कई तरह की अफवाहें फैलाई जाती रही हैं। कभी अफवाह फैलाई जाती है कि आबिद रजा शीघ्र ही सपा में वापस आ जायेंगे, तो कभी अफवाह फैलाई जाती है कि आबिद रजा को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कैबिनेट स्तर का मंत्री बना रहे हैं, इस तरह की अफवाहें एक सप्ताह के बाद स्वतः दम तोड़ देती हैं। आबिद रजा के कैबिनेट स्तर का मंत्री बनने की अफवाह मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद थमी, क्योंकि कई लोग तो मिठाई तक बांटते नजर आ रहे थे, जिससे जनता असमंजस की स्थिति में थी।
खैर, आज एक नई चर्चा यह शुरू हो गई कि आबिद रजा सपा में न होने के बावजूद आजम खान के संपर्क में हैं क्या?, इस सवाल का जवाब आबिद रजा के द्वारा कहे गये शब्दों में ही है। मोहम्मद हमजा नाम के बच्चे का शव मिलने के बाद हाईवे पर लगाये गये जाम के दौरान वे मौके पर आये और उन्होंने कहा कि उनकी आजम खान से बात हुई है, उन्होंने कहा है कि वे स्वयं भी आयेंगे, यहीं से और भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। व्यक्तिगत संबंध किसी के भी किसी से भी हो सकते हैं, लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों का उल्लेख सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाता। आबिद रजा हाल ही में पार्टी से निकाले गये हैं और आजम खान पार्टी के बड़े नेता हैं, ऐसे में उनका आज दिया गया बयान यह सिद्ध करता है कि समाजवादी पार्टी में एक गुट आजमवादियों का भी है, जिसका नेतृत्व वे पार्टी की नीतियों से हट कर रहे हैं। आबिद रजा द्वारा दिए गये बयान के बाद आजम खान को स्पष्ट करना होगा कि वे आजमवादियों को समाजवादियों की तुलना में ज्यादा तरजीह देते हैं क्या?
आजम खान को सैद्धांतिक व्यक्ति माना जाता है, उनके बारे में कहा जाता है कि गलत बात को लेकर वे अपने बेटे तक के विरोध में खड़े हो सकते हैं और वे कई प्रकरणों में अपनी इस छवि को सिद्ध भी करते रहे हैं, इसलिए लोग न सिर्फ स्तब्ध हैं, बल्कि अब यह जानने को आतुर हैं कि आजम खान समाजवादी पार्टी द्वारा लिए गये निर्णय से अलग भी अपनी राय रखते हैं क्या?, यह सब स्पष्ट होना इसलिए भी आवश्यक है कि हाल ही में सपा में हुए घमासान के बाद तमाम लोग स्वयं को मुलायमवादी, अखिलेशवादी, शिवपालवादी और रामगोपालवादी कहते नजर आये, इसलिए यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आजमवादी गुट भी है क्या?
संबंधित खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक
मृतक के परिजनों के सहारे हाईवे जाम करने वालों पर मुकदमा
पालिका की गलती कोतवाल पर थोपने का प्रयास, जाम खुला