यह सुअर को वराह भगवान कह कर सम्मान दे सकते हैं। गधे को भवानी का, चूहे को गणेश का, उल्लू को लक्ष्मी का और कुत्ते को भैरों की सवारी बता कर पूज सकते हैं, लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दे सकते।
उक्त तीखा वाक्य बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य का है। उन्होंने दलितों व पिछड़ों से अपील की है कि शादी-विवाह में गौरी-गणेश की भी पूजा न करें। दलितों और पिछड़ों को गुमराह करने को मनुवादियों की चाल है यह। नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ-सीतापुर रोड पर स्थित ताड़ीखाना में कर्पूरी ठाकुर भागीदारी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि हिंदू धर्म में इंसान का स्थान नहीं है। इस धर्म में अनुसूचित जातियां, जनजातियां व पिछड़े सब शूद्र हैं। यह “ढोल, गंवार, शूद्र,” पशु गाने वाले हैं और “पूजंहि विप्र सकल गुणहीना” का उपदेश देने वाले हैं।
बोले- गोबर के टुकड़े पर सिंदूर चढ़वाते हैं, पान-सुपारी चढ़वाते हैं, पैसा भी चढ़वाते हैं। हमारे समाज के डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर चढ़ा भी देते हैं और चढ़वाते हैं, अंगूठा टेक। बोले- हम उनकी मानते रहे, वे हमें ठगते रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टर, इंजीनियर होने का क्या मतलब, जो गोबर को भगवान मान ले। श्री मौर्य ने कहा कि पहले बाबा साहब, कांशीराम और अब मायावती दलितों व पिछड़ों को सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि स्वाभिमान और सम्मान चाहते हैं, तो अपने रास्ते पर चलें, दूसरे के नहीं, दूसरे के रास्ते पर चले, तो वे लूटते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मनुवादियों ने एससी, एसटी व ओबीसी को जातियों में बांट दिया और हम इनके षड्यंत्र के शिकार होते रहे।
उधर बयान पर बवाल के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य के व्यक्तिगत विचार करार देते हुए बयान से किनारा कर लिया है। मायावती ने कहा कि बीएसपी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के धर्म-निरपेक्षता के मूल सिद्धान्त के अनुसार सभी धर्मों के रहन-सहन, शादी-विवाह, पूजा-पाठ तथा उनकी संस्कृति के तौर तरीकों का आदर करती है। उन्होंने कहा कि वह उनकी निजी राय है और उसे बीएसपी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि बीएसपी दलितों, पिछडों, अगड़ी जातियों और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को साथ लेकर समतामूलक समाज की व्यवस्था स्थापित करना चाहती है, वहीं बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हार की हताशा के कारण बीएसपी नेता अब सामाजिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि अगर, वाकई स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है, तो मायावती को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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