कथित धर्म गुरु आसाराम द्वारा सताई गई शाहजहाँपुर निवासी किशोरी के प्रकरण में पीड़ित के पिता, मुकदमे से संबंधित गवाहों और पूरे प्रकरण की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार नरेंद्र यादव को सुरक्षा दी जायेगी। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश पारित कर दिया है। न्यायमूर्ति ए. के. सिकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश पारित किया है। बता दें कि पत्रकार नरेंद्र यादव को स्थानीय प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराने में आनाकानी कर रहा था।
उल्लेखनीय है कि शाहजहाँपुर के दैनिक जागरण कार्यालय में तैनात पत्रकार नरेंद्र यादव 17 सितंबर 2014 की रात को करीब 10: 30 बजे कार्यालय से काम समाप्त कर घर जाने के लिए निकले, तभी उन पर अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था। हमलावरों का इरादा उनकी गर्दन अलग कर निर्मम तरीके से हत्या करने का ही था, लेकिन नरेंद्र यादव का यह सौभाग्य रहा कि किसी तरह हमलावर गर्दन अलग करने में कामयाब नहीं हो पाये, पर नरेंद्र बुरी तरह घायल हो गये। घटना कार्यालय के पास की ही थी, जिससे उन्हें प्राथमिक उपचार समय से मिल गया, उनके सिर में 28 और गले में 42 टाँके लगाये गये। अस्पताल में 11 दिन भर्ती रहे, तब जान बच पाई थी।
उक्त प्रकरण में स्थानीय प्रशासन नरेंद्र यादव को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहा था। कभी गनर दे दिया और कभी हटा लिया जाता था, जिससे नरेंद्र यादव भयमुक्त जीवन नहीं जा पा रहे थे, इसी तरह पीड़ित के पिता और गवाह भी दहशत में जीवन जी रहे थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।
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