बदायूं विधान सभा क्षेत्र से सपा विधायक एवं वक्फ़ विकास निगम के अध्यक्ष (दर्जा राज्यमंत्री) आबिद रजा की पत्नी फात्मा रजा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष हैं। आबिद रजा स्वयं भी पालिकाध्यक्ष रहे हैं। नगर पालिका परिषद के चुनाव में उनकी पत्नी भाजपा के ओमप्रकाश मथुरिया से हार गई थीं, लेकिन हृदय आघात के चलते ओमप्रकाश मथुरिया का निधन हो गया। उपचुनाव में फात्मा रजा को सपा ने पुनः टिकट दिया, तो उन्होंने जीत के अंतर का प्रदेश स्तर पर रिकॉर्ड कायम कर दिया। वर्ग भेद मिटा कर मतदाताओं ने उन्हें व्यापक स्तर पर समर्थन इस आशय से दिया कि समाजवादी पार्टी की सरकार में उनके पति भी विधायक हैं, जिससे शहर का चहुंमुखी विकास होगा, लेकिन आबिद रजा और फात्मा रजा मतदाताओं की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। विकास की तो बात ही छोड़िये, शहर के नाले तक साफ नहीं किये गये हैं, जिससे बारिश में शहर तालाब बन जाता है, इसके अलावा पद का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्टाचार के भी आरोप लग रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि आबिद रजा जिस इनोवा गाड़ी से चलते हैं, वह एक ब्लॉक प्रमुख पति के नाम पर रजिस्टर्ड है और उसका किराया नगर पालिका देती है, ऐसे ही एक एंबेसडर कार उनके प्रतिनिधि के नाम पर रजिस्टर्ड बताई जाती है, उसका भी किराया नगर पालिका देती है। दोनों गाड़ियों का किराया लगभग साठ हजार रुपया प्रति महीना बताया जा रहा है, इसी तरह पद का दुरूपयोग करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बना कर ऊपरपारा मोहल्ले में स्थित अपने घर में अर्बन हेल्थ केयर सेंटर खुलवा रखा है, जिसका 14, 000 हजार रुपया प्रति माह भुगतान होता है, साथ ही सेंटर के नाम पर एक बुलेरो गाड़ी रजिस्टर्ड है, जिसे निजी कार्य में प्रयोग करते हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में उनका ही एक चहेता दबंगई से सप्लाई आदि का कार्य कर रहा है, जबकि वाह्य सेवा प्रदाता एजेंसी के संबंध में निदेशक (चिकित्सा उपचार) बद्री विशाल सीएमओ और सीएमस को कड़ा आदेश दे चुके हैं, लेकिन दबाव के चलते सीएमओ और सीएमएस शासनादेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नगर पालिका परिषद की निधि से प्लास्टिक के कूड़ेदान, चमक-दमक वाले यात्री शेड और वाटर कूलर लगवाने में भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बाजार मूल्य और लागात के अनुपात में कई गुना ज्यादा स्टीमेट बनवा कर सरकारी धन हड़पा गया है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि कागजों में शहर के नाले साफ हो गये हैं, लेकिन वास्तव में नाले साफ नहीं कराये गये हैं। नालों की सफाई न कराने का मुददा व्यापारी नेता मनोज कृष्ण गुप्ता ने उठाया, तो उनका कहना है कि उन्हें धमकाया जा रहा है। किसी ने उन्हें सदर विधायक आबिद रजा की शक्ति का हवाला देते हुए धमकाया है, जिसका खुलासा उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर किया है।
खैर, हाल-फिलहाल आबिद रजा कठघरे में खड़े नजर आ रहे हैं, उन पर तमाम गंभीर आरोप लग रहे हैं। कुछेक आरोप ऐसे भी हैं, जिनका कोई प्रमाण नहीं हैं, लेकिन आबिद रजा किसी न किसी रूप में भागीदार बताये जा रहे हैं, इतना सब होने के बावजूद समाजवादी पार्टी में उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं मांग सकता, क्योंकि उन्हें तेजतर्रार कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता आजम खान का दाहिना हाथ कहा जाता है। आजम खान के चलते आबिद रजा समूची व्यवस्था पर हावी नजर आ रहे हैं और जमकर मनमानी कर रहे हैं।
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