बदायूं जिले की पुलिस से अपराधी बिल्कुल नहीं डर रहे, लेकिन अपराधियों का तोड़ खोजने की जगह पुलिस आम आदमी पर शक्ति का पूरा प्रयोग कर रही है। सप्ताह भर से गायब युवक को खोजने में नाकाम पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया और उसे टॉर्चर करते समय सभी सीमायें लाँघ गई। पीड़ित ने एसओ और अन्य कई पुलिस कर्मियों पर करेंट लगाने और पेशाब पिलाने का आरोप लगाया है।
बदायूं जिले में स्थित कस्बा कुंवरगांव निवासी मोनू पुत्र ज्ञान सिंह मां के साथ एसएसपी आवास पर शिकायत लेकर आया था, उसका आरोप है कि कुंवरगांव के एसओ मेराज अली व अन्य कई पुलिस कर्मियों ने गायब विशाल तिवारी के संबंध में जानकारी चाही, लेकिन पीड़ित ने अनभिज्ञता जताई, तो उसे बिजली का करेंट लगाया एवं पेशाब पिलाई।
मोनू का कहना है कि वह कुंवरगांव के प्रेम कुमार तोमर की गाड़ी चलाता है। 29 नबंवर को कुंवरगांव के ही विशाल तिवारी ने दहगवां जाने के लिए उसकी गाड़ी किराये पर बुक कराई। नबादा से विशाल तिवारी ने अपने तीन और साथियों को गाड़ी में बैठाया। उझानी वाईपास पर गाड़ी में बैठे लोगों ने उसकी कनपटी पर तमंचा रख दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए गाड़ी कासगंज ले जाने को कहा, इस बीच उसके 1250 रुपये और मोबाइल भी छीन लिया। वह लोग उसे कासगंज से कानपुर ले गए, जहां से एक लडक़ी को गाड़ी में बैठाया और फिर कासगंज आ गए। मोनू ने बताया कि उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया गया और फिर सभी लोग फरार हो गए। होश आने पर वह गाड़ी लेकर कुंवरगांव आया और परिजनों के साथ पुलिस को घटना की जानकारी दी, लेकिन एसओ मेराज अली ने उसे ही हिरासत में ले लिया और फिर हद दर्जे तक टॉर्चर किया।
एसओ मेराज अली का कहना है कि यह लोग 29 नवंबर को साथ गए थे, लेकिन मोनू वापस आ गया और विशाल तिवारी वापस नहीं आया। 3 दिसम्बर को विशाल तिवारी के भाई कुलदीप तिवारी ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी, जिससे मोनू को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आया। उन्होंने करेंट लगाने और पेशाब पिलाने का आरोप मनगढ़ंत बताया, वहीं एसएसपी सौमित्र यादव ने घटना और शिकायत के संबंध में अनभिज्ञता जताई है।