उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वो कर दियाखा है, जो अब तक न कोई कर सका और न ही दशकों तक होने की जिसकी कल्पना की जा सकती थी। चुनाव सिर पर हैं, लेकिन अखिलेश यादव की आलोचना उनके कट्टर विरोधी भी नहीं कर पा रहे हैं, उनके द्वारा कराये गये विकास पर सवाल नहीं उठा पा रहे हैं। आलोचना की तो बात ही छोड़िये वैचारिक दूरी रखने वाले हिंदू कट्टरपंथी नेता भी अखिलेश यादव के कार्यों के समर्थक नजर आ रहे हैं। युवा वाहिनी के प्रांतीय उपाध्यक्ष कुलदीप वार्ष्णेय न सिर्फ दिवाने हो गये हैं, बल्कि उनका कहना है कि वे अखिलेश यादव और उनकी एंबुलेंस सेवा के कारण ही जीवित हैं। बोले- अखिलेश यादव विकास पुरुष हैं, उनके जैसे नेता की ही आज उत्तर प्रदेश को आवश्यकता है।
जी हाँ, हिन्दू जागरण मंच युवा वाहिनी के प्रांतीय उपाध्यक्ष कुलदीप वार्ष्णेय का कहना है कि अगर, अखिलेश यादव की एंबुलेंस सेवा न होती, तो कुछ ही देर में उनकी मृत्यु हो सकती थी। बोले- पिछले दिनों वह खेतों की ओर जा रहे थे, तभी उनकी हालत बिगड़ गई। खून की उल्टी हुई और वे बेहोश होने लगे, साथ ही उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। किसी तरह उन्हें सीएचसी पर लाया गया, जहां उतने गंभीर व्यक्ति का उपचार करने की व्यवस्था नहीं थी, इस बीच किसी ने एंबुलेंस सेवा वाला नंबर डायल कर दिया, जो कुछ ही मिनट में आ गई। एंबुलेंस में ऑक्सीजन के सहारे वे बरेली पहुंच गये, जहाँ बड़े डॉक्टर का उपचार मिल गया और उनकी जान बच गई।
युवा वाहिनी के नेता ने कहा कि एंबुलेंस सेवा जिला अस्पताल तक पहुंचाती है, लेकिन मुख्यालय पर भी उचित उपचार की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए शेखूपुर विधान सभा क्षेत्र के सपा विधायक आशीष यादव ने एंबुलेंस सेवा के चीफ को एंबुलेंस बरेली भेजने को कहा। बोले- आशीष यादव ने भी वैचारिक मतभेदों को दरकिनार कर उनकी तत्काल मदद की। बोले- उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव द्वारा चलाई जा रही एंबुलेंस सेवा देश की सबसे बेहतरीन सेवाओं में से एक है, जो अब तक लाखों लोगों की जान बचा चुकी है। बोले- हम लोग रात-दिन आलोचना करते हैं, लेकिन कोई अच्छा काम कर रहा है, तो उसकी प्रशंसा भी करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के कस्बा वजीरगंज निवासी कुलदीप वार्ष्णेय इससे पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे। उन्होंने जेएनयू के विवादित छात्र नेता कन्हैया कुमार की जीभ काटने पर पांच लाख रूपये पुरस्कार देने की घोषणा की थी, जिसके बाद देश भर में बड़ा बवाल हुआ था और भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था, इसके बाद आरएसएस के अनुवांशिक संगठन हिंदू जागरण मंच के मार्गदर्शन में संचालित युवा वाहिनी का उन्हें प्रांतीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, यह संगठन कट्टरपंथी विचारधारा का वाहक माना जाता है।
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