बदायूं जिले के थाना इस्लामनगर में तैनात थानाध्यक्ष रघुराज व्यक्तिगत तौर पर ठाकुरों से ईर्ष्या रखते हैं। हालात इतने भयावह हैं कि ठाकुर के विरुद्ध कोई फर्जी प्रार्थना पत्र भी दे जाये, तो जाँच किये बिना ही तत्काल मुकदमा दर्ज कर देते हैं, या सार्वजनिक रूप से अपमानित कराते हैं, लेकिन ठाकुर वास्तविक पीड़ित हो, तो उसका प्रार्थना पत्र भी नहीं लेते। थानाध्यक्ष रघुराज खुलेआम बहुजन समाज पार्टी की मानसिकता के अनुरूप कार्य कर रहे हैं, जिसके चलते क्षेत्र के ठाकुर हाहाकार कर रहे हैं।
थाना इस्लामनगर में रघुराज की तैनाती के बाद से ठाकुरों का खुलेआम शोषण होने लगा है। क्षेत्र के ठाकुर इतनी दहशत में हैं कि उनके घर पर चढ़ कर कोई गाली भी दे रहा हो, तो अंदर कमरे में बंद हो जाते हैं, क्योंकि क्षेत्र में यह बात सभी को पता है कि विरोध करते ही प्रकरण एसओ के पास पहुंच जायेगा और फिर एसओ उसकी बात सुनेंगे भी नहीं। पिछले दिनों गाँव सखामई में एक दलित किशोरी ने एक ठाकुर के विरुद्ध यौन उत्पीड़न का फर्जी प्रार्थना पत्र दे दिया, जिसकी मेडिकल परीक्षण में पुष्टि नहीं हुई, इसके बावजूद एसओ ने सिर्फ जाति से नफरत होने के कारण राहत नहीं दी। एसओ की जाति विरोधी मानसिकता के चलते क्षेत्र के ठाकुर नेताओं ने थाने में भी जाना बंद कर दिया है।
ताजा प्रकरण गाँव गढ़ीखानपुर का है, यहाँ के दुष्यंत कुमार सिंह के विरुद्ध फर्जी प्रार्थना पत्र पर एसओ ने एक दुकान में चोरी करने का फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। दुष्यंत सभ्रांत और धनाढ्य परिवार का सदस्य है, माता-पिता की इकलौती संतान है, जिससे उसके विरुद्ध लिखे गये चोरी के मुकदमा को लेकर क्षेत्र का हर आदमी चकित है। मुकदमा लिखाते समय फर्जी गवाह बनाये गये थे, जिन्होंने शपथ पत्र दे दिए हैं कि चोरी की कोई घटना नहीं हुई, इसके बावजूद एसओ ठाकुर होने के चलते दुष्यंत को राहत देने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित दुष्यंत ने एसएसपी, आईजी, एडीजी, डीजीपी और मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
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