बदायूं जिले के हालात अब तालिबानी इलाके जैसे होते जा रहे हैं। जिसके मन में आता है, वो हत्या कर देता है और पुलिस को भनक तक नहीं लगती। घटना के बाद पुलिस शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम कराने में ही रूचि लेती नजर आती है, उसके बाद हत्यारों को नहीं पकड़ पाती है, इसीलिए अपराधियों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है, जिससे दहशत का माहौल बनता जा रहा है।
ताजा घटना बदायूं शहर की ही है। सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कुबूलपुरा निवासी नौशाद (28) को अभी कुछ देर पहले घर में घुस कर गोली मार दी गई। गोली कनपटी पर लगी है, जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जिसने भी सुना, वो घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। मौके पर मौजूद सैकड़ों लोग इस तरह हत्या होने से स्तब्ध हैं। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, तो आक्रोशित भीड़ पुलिस पर सवार हो गई और पुलिस की लापरवाही को लेकर भीड़ ने जमकर हंगामा भी किया, पुलिस के सामने ही फायरिंग भी हुई। बमुश्किल पुलिस शव उठा पाई। वारदात की खबर शहर में फैली, तो चारों ओर दहशत का माहौल नजर आने लगा।
बताया जा रहा है कि मृतक विधवा माँ के साथ अकेला ही मोहल्ला कुबूलपुरा में रहता है। पिता कुछ वर्ष पूर्व सड़क हादसे में जान गवां चुके हैं, उसके भाई व बहन नहीं हैं एवं उसकी खुद की अभी शादी नहीं हुई है। मृतक धनाढ्य था और बड़ा कारोबारी था, उसके पास करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है। कयास लगाये जा रहे हैं कि उसकी करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने की नीयत से भू-माफिया ने उसकी हत्या कराई है। हालांकि मृतक की माँ और रिश्तेदार अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कह रहे हैं और न ही पुलिस कुछ बता पा रही है, लेकिन आम चर्चा है कि उसकी कीमती जमीन पर एक सत्ता पक्ष के माफिया की नजर जमी हुई है, उसी ने वारदात कराई होगी। बताया यह भी जा रहा है कि वह मोहल्ला ऊपरपारा स्थित एक मकान में बिहार की एक मोना नाम की महिला को रखता है, जो उसकी प्रेमिका है। घटना प्रेमिका के ही घर में हुई है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए फिलहाल पुलिस ने प्रेमिका को हिरासत में ले लिया है, वो गर्भवती भी बताई जा रही है।
अगर वारदात सत्ता पक्ष के माफिया ने ही कराई होगी, तो पुलिस कार्रवाई करने से वैसे ही बचेगी, साथ ही मृतक के परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति भी नहीं है, जो मुकदमे की पैरवी कर सके, जिससे हत्यारे को सीधा लाभ मिलेगा और पुलिस पर भी दबाव नहीं रहेगा। सामाजिक और मानवता के रिश्ते से जनता को ही आगे आना होगा और पुलिस पर दबाव बनाना होगा कि सही हत्यारों और उनके संरक्षक को पुलिस पकड़े। हाल-फिलहाल यह उम्मीद कम ही नजर आ रही है, क्योंकि बदायूं की जनता इतनी जागरूक होती, तो अपराधी हावी और पुलिस बेपरवाह नहीं होती।