ललई सिंह यादव ने एक बार सार्वजनिक मंच से कहा था कि अब अंबेडकराइष्ट नहीं, बल्कि वजीफाइष्ट होने लगे हैं। ललई सिंह यादव द्वारा वर्षों पूर्व कही गई बात आज भी अक्षरशः सच साबित होती नजर आ रही है। मनुवादी विचारधारा के विरुद्ध संघर्ष करने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनके अनुयायियों ने मनुवादी विचारधारा के अनुरूप ही उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. अंबेडकर की मूर्ति के सामने ही शराब और शबाब के साथ उनके अनुयायियों ने मस्ती करते हुए नियम-कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा दीं।
देश भर की तरह बदायूं जिले में भी गुरूवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती राष्ट्रीय समरसता दिवस के रूप में मनाई गई। जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई, साथ ही उनके द्वारा किए गए संषर्घ तथा योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया गया, लेकिन कस्बा वजीरगंज में उनके अनुयायियों ने जयंती को अलग ही अंदाज में सेलिब्रेट किया।
डॉ. अंबेडकर के अनुयायी कस्बा वजीरगंज के अंबेडकर पार्क में ही खुलेआम स्टेज बना कर नर्तकियों से मजे लेते नजर आये। शराब में झूमते अनुयायियों ने नर्तकियों पर जमकर धन वर्षा भी की। स्तब्ध कर देने वाली बात यह है कि डॉ. अंबेडकर की मूर्ति पंडाल के अंदर ही थी, जिसके ठीक सामने नर्तकियों ने फूहड़ डांस किया और शराब के नशे में झूमते अनुयायियों ने जमकर नोट उड़ाये। इस जश्न में एक जिला पंचायत सदस्य के साथ तमाम स्थानीय नेता और स्थानीय पुलिस वालों ने भी जमकर मस्ती की। सूत्र का कहना है कि जयंती के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम करने की विधिवत अनुमति नहीं ली गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस की सहभागिता के चलते संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की जयंती पर पूरी रात नियम-कानून की धज्जियां खुलेआम उड़ाई गईं।