सहसवान क्षेत्र के विद्यालयों में आतंक मचाये हुए है कथित पत्रकारों का गिरोह

सहसवान क्षेत्र के विद्यालयों में आतंक मचाये हुए है कथित पत्रकारों का गिरोह
सहसवान क्षेत्र के विद्यालयों में आतंक मचाये हुए है कथित पत्रकारों का गिरोह

बदायूं जिले में पिछले दशक की तुलना में आपराधिक वारदातों में बड़े स्तर पर गिरावट आई है। चोरी, लूट और डकैती जैसी वारदातें होती भी हैं, तो अपराधी पुलिस से बच नहीं पाते। किसी न किसी तरह पुलिस गिरफ्तार करने में सफल हो ही जाती है, सो ऐसी मानसिकता के अपराधी चोरी, लूट और डकैती का धंधा छोड़ कर ऐसे मीडिया संस्थानों से जुड़ गये हैं, जिनका उद्देश्य किसी न किसी तरह सिर्फ रुपया कमाना ही है, ऐसे संस्थानों के मालिकों और संस्थानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके स्ट्रिंगर और संवाददाताओं की हरकतों के कारण समूचे मीडिया जगत ही साख खराब हो रही है।

हाल-फिलहाल सहसवान तहसील क्षेत्र में कथित पत्रकारों का एक गिरोह आतंक मचाये हुए है, यह गिरोह प्राथमिक विद्यालयों में धावा बोलता है। सुबह होते ही दो बाइक से चार-पांच कथित पत्रकार विद्यालयों में छापा मारते हैं। विद्यालय खुलते ही शिक्षक-शिक्षिकाओं पर सवालों की झड़ी लगा देते हैं। कोई अनियमितता हो, तो उसका मोबाइल से वीडियो बना कर छात्र-छात्राओं के सामने शिक्षक-शिक्षिकाओं से उल्टे-सीधे सवाल करते हैं। प्रधान, अथवा किसी भी ग्रामीण से शिकायत लिखवा लेते हैं। मिड डे मील की गुणवत्ता परखते हैं, उपस्थिति रजिस्टर देखते हैं, किसी शिक्षक को आने में एक-दो मिनट की देरी हो जाये, तो और भी डराते हैं, अर्थात विभिन्न तरह के हथकंडे अपना कर इतना दबाव बनाते हैं कि पांच सौ-हजार रूपये लिए बिना नहीं जाते, इस गिरोह से सहसवान क्षेत्र के शिक्षक-शिक्षिकायें तंग आ चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं कर पा रहे हैं। चूँकि गिरोह के सदस्य किसी न किसी मीडिया संस्थान से जुड़े हैं, इसलिए इनके विरुद्ध शिकायत पर पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती, इनके मालिक व संपादक भी शिकायत पर ध्यान नहीं देते, क्योंकि वे भी अपने स्तर से वही सब कर रहे होते हैं। सभ्रांत और बड़े संस्थानों के पत्रकारों के पास परिचय पत्र नहीं होता, लेकिन लुटेरे संस्थानों के मालिकों ने इन्हें लुभावने कार्ड दे रखे हैं, जिसे दिखाने भर से इनका काम हो जाता है।

सूत्रों का कहना है कि सहसवान क्षेत्र के विद्यालयों में आतंक मचा रहे गिरोह के सभी सदस्य शराबी और मांसाहारी हैं, जिनका पहला उद्देश्य सुबह उठते ही शराब और मांस पर खर्च होने वाले रूपये पैदा करना होता है। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक और शिक्षिकायें आसानी से शिकार बन जाते हैं, सो इस गिरोह के निशाने पर प्राथमिक विद्यालय ही हैं। भुक्त भोगी शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना है कि गिरोह का सरगना सुबह भी शराब पिए हुए ही होता है, उसके पास खड़े होने में भी तबियत खराब हो जाती है, इस संबंध में एबीएसए और बीएसए तक को बताया जा चुका है, लेकिन विभागीय अफसर भी कुछ नहीं कर रहे हैं। सहसवान क्षेत्र में कथित पत्रकारों के गिरोह की हरकतों से समूची मीडिया की साख खराब हो रही है।

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