उत्तर प्रदेश में बेलगाम होते जा रहे अफसरों और सपा सुप्रीमो पर लगे आरोपों पर समाजवादी पार्टी ने अपना पक्ष रखा। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी का कहना है कि समाजवादी पार्टी और सरकार के खिलाफ कुछ तत्व अनर्गल दुष्प्रचार का अभियान चलाते रहे हैं। जनता ने उन पर कभी ध्यान नहीं दिया। इससे कुंठित मानसिकता वाले अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर भी बेबुनियाद आरोप लगाने में संकोच तक नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव देश के प्रतिष्ठित नेताओं में से एक हैं और उनका राजनीति में लंबे समय से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्र में रक्षा मंत्री रहते हुए भी उन पर कभी अंगुली नहीं उठी। छह दशक के सार्वजनिक जीवन में मुलायम सिंह यादव के विरोधी भी नेता जी के व्यवहार के बारे में कभी कोई शिकायत नहीं कर सके। अपने शालीन आचरण और विरोधी के प्रति भी सहृदय बरतने के लिए वे जाने जाते हैं। उनका सहज स्वभाव और मूल्यों के लिए उनकी प्रतिबद्धता निर्विवाद है। इसीलिए उनका सभी सम्मान करते हैं। यह खेद एवं क्षोभ की बात है कि कुछ बौने कद के नेता और अधिकारी उनके बारे में ऊंट-पटांग बोलने की हिमाकत करने लगे हैं।
उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों कुछ अधिकारियों को भी राजनीति करने का शौक लग गया है। उन्हें अपने पद के दायित्व और विभागीय कामकाज निबटाने से ज्यादा सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने का नया रोग लग गया है। ऐसे अधिकारी अपनी सेवा नियमावली का भी उल्लघंन कर रहे हैं। उन्हें प्रशासकीय गारिमा एवं अनुशासन का भी ख्याल नहीं रह गया है। विडम्बना है कि लोकतंत्र की मर्यादाओं से खिलवाड़ करने में कुछ दलों के नेता भी शामिल हो गए हैे और दुर्भावना की भाषा बोलने वाले अधिकारियों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। उन्हें इस खतरे को समझना चाहिए कि अपनी विभागीय एवं प्रशासनिक मर्यादा तोड़ने वालों की अनुशासनहीनता को बढ़ावा देना संपूर्ण प्रशासनतंत्र को पंगु बना सकता है। अच्छा होता कि जिन अधिकारियों को राजनीति करना हो, वे अपनी नौकरी छोड़कर बाकायदा राजनीति में ही उतर आएं। प्रशासन का अंग होते हुये नेतागीरी करना कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता है।
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