मुंबई की चका-चौंध छोड़ कर बदायूं के अँधेरे में भटकते हुए लोगों को जागरूक कर रहे हैं खालिद परवेज, वे आम लोगों को समझा रहे हैं कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना अभी अधूरा है, जिसे उनके सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। चुनावी युद्ध में खालिद परवेज के सारथी बने हुए हैं वसीम अहमद अंसारी, जो लोगों को बता रहे हैं कि अपने सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना सीखो।
बदायूं विधान सभा क्षेत्र से हिन्दी फिल्मों के चर्चित हीरो खालिद परवेज ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के प्रत्याशी हैं, वे मुंबई की लग्जरी लाइफ छोड़ कर इन दिनों बदायूं की टूटी सड़कों पर अँधेरे में भटकते नजर आ रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को बराबर करने का सपना देखा था, जो अभी अधूरा है, उस सपने को असदुद्दीन ओवैसी ने पूरा करने का संकल्प लिया है, उन्हें राजनैतिक शक्ति देकर मजबूत करें।
वसीम अहमद अंसारी आम जनता को समझा रहे हैं कि अपने सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करने का सबसे मजबूत हथियार आज के दौर में वोट ही है, जिसका सही इस्तेमाल करने से न सिर्फ स्वाभिमान बचा रहेगा, बल्कि सम्मान भी मिलता रहेगा और इस वक्त नहीं जागे, तो बंधुआ मजदूर की तरह ही व्यवहार होता रहेगा।
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मैं चुनाव मैदान में आम जनता को उसका गौरव वापस दिलाने आया हूँ: खालिद