लखनऊ में सूचना विभाग के कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ में सूचना विभाग के कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन
लखनऊ में सूचना भवन के सामने प्रदर्शन करते कर्मचारी व अधिकारी।
लखनऊ में सूचना भवन के सामने प्रदर्शन करते कर्मचारी व अधिकारी।

लखनऊ में एनेक्सी के मुख्य द्वार पर सूचना विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज एक अखबार के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया। आरोप है कि पिछले कई माह से सूचना विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनर्गल, तथ्यहीन, भ्रामक और अपमानजनक समाचार ’निष्पक्ष प्रतिदिन’ अखबार में छापे जा रहे हैं, इसके संपादक की गुंडागर्दी, धमकाने तथा वसूली करने की कोशिश के खिलाफ आज सूचना भवन में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के बाद सूचना विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों का जुलूस अखबार के खिलाफ नारेबाजी करता हुआ बापू भवन गया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रमुख सचिव, सूचना को देने का प्रयास किया, लेकिन प्रमुख सचिव, सूचना के उपलब्ध न होने के कारण बापू भवन के दोनों गेटों पर प्रदर्शन कर एनेक्सी के मुख्य द्वार पर अखबार की प्रतियां जलाकर भर्त्सना की गई।

सूचना भवन के प्रांगण में विरोध सभा को संबोधित करते हुए उप निदेशक संजय राय ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, उसे किसी का अपमान करने का अधिकार नहीं है। अपने स्वाभिमान की रक्षा की लड़ाई स्वयं ही लड़नी होती है। सूचना विभाग की प्रतिष्ठा को बचाए रखने का संकल्प सभी सूचना कर्मियों का है। अपमान सहन करना सूचनाकर्मियों की मजबूरी नहीं है। सूचना पत्रकार संघ के सचिव सुहेल वहीद अंसारी ने कहा कि प्रतिदिन अवैध अखबार है, इसका घोषणा पत्र वर्ष- 2012 में निरस्त किया जा चुका है। उसके बाद इसका पुनः प्रकाशन अवैध है, इसके बावजूद पिछले करीब चार वर्षों में प्रतिदिन को सवा तीन करोड़ से अधिक के विज्ञापन जारी किया जाना जांच का विषय है। मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय निर्मल ने कहा कि किसी भी समचार पत्र को इतने घटिया स्तर पर उतर कर व्यवहार नहीं करना चाहिए। मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के महामंत्री युवराज सिंह परिहार ने कहा कि प्रतिदिन को अब सूचना विभाग से किसी भी प्रकार की कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। उच्चाधिकारी निर्देश देने के बावजूद इस अखबार को विज्ञापन निर्गत नहीं किए जायेंगे। प्राविधिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मिश्र ने कहा कि प्रतिदिन की गुंडागर्दी अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी, उन्होंने कहा कि इस अखबार को बिल्कुल तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। वाहन चालक संघ के सचिव सरवर अली ने कहा कि किसी भी अखबार को उसके स्तर के अनुरूप ही विज्ञापन मिलने चाहिए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के महामंत्री पीएन पांडे ने कहा कि किसी भी हालत में सूचना विभाग की मानहानि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लखनऊ तथा सीतापुर से प्रकाशित हिंदी दैनिक ’निष्पक्ष प्रतिदिन’ साम्प्रदायिक भावनायें भड़काने, हिंसक प्रवृृत्ति तथा समाज विरोधी कार्यों के लिए उकसाने तथा समाज में स्वीकृृत नैतिकता और आचरण के मानदंडों को आघात पहुँचाने वाले समाचारों को प्रकाशित करने के लिए कुख्यात है। इसी कारण इसके खिलाफ करीब दर्जन भर अवमानना के मुकदमे पंजीकृृत हैं और इसके प्रकाशक, मुद्रक  संपादक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई भी लंबित है। इसी कारण इस ’निष्पक्ष प्रतिदिन’ का घोषणा पत्र तत्कालीन सूचना निदेशक ने वर्ष- 2012 में निरस्त करा दिया था तथा झूठे आंकड़ों के आधार पर प्रसार संख्या दर्शा कर प्राप्त किए गए विज्ञापनों की 35 लाख धनराशि वसूलने हेतु आदेश भी जारी किए थे।

इस समाचार पत्र के प्रकाशक, मुद्रक तथा संपादक पर समाचार प्रकाशित कर धन उगाहने के आरोप भी दर्ज हैं, जिनकी विवेचना कई थानों में लंबित है। अपने आचरण के अनुरूप यह समाचार पत्र सूचना निदेशक और प्रमुख सचिव, सूचना समेत सूचना विभाग के अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ अनर्गल, तथ्यहीन, भ्रामक तथा अपमानजनक समाचार भी प्रकाशित कर रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से उच्चादेशों के अनुपालन में सूचना विभाग को अभी भी इस समाचार पत्र को विज्ञापन निर्गत करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कुछ अन्य पत्र पत्रिकाएं इसी प्रकार की हैं, जो ऐसी ब्लैकमेलिंग के प्रयास में संलग्न रहती हैं और केवल विज्ञापन प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर जाने के जतन करती रहती हैं।

शासन स्तर पर दैनिक ’निष्पक्ष प्रतिदिन’ को ब्लैक लिस्ट किए जाने संबंधी प्रकरण लंबित है, लेकिन उस पर निर्णय नहीं लिया जा रहा है। सूचनाकर्मियों ने प्रदर्शन में इस समाचार पत्र को ब्लैक लिस्ट करने पर तत्काल निर्णय लेने, प्रतिदिन की विज्ञापन तथा प्रेस मान्यता समाप्त करने की मांग की। इसके अलावा यह भी मांग की गई कि प्रतिदिन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरु की जाए।

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