बदायूं जिले में अपराधों की बाढ़ आई हुई है। चारों दिशाओं में हाहाकार मचा हुआ है। तमाम लोग यह सवाल करते नजर आते हैं कि पुलिस के होते हुए भी अपराध रुक क्यूं नहीं पा रहे?, इस सवाल का जवाब आज मिल गया है। जी हाँ, जवाब यह है कि पुलिस नेताओं, गुंडों, माफियाओं और तस्करों की संरक्षक बनी हुई है, जिससे आम आदमी से रिश्ता न के बराबर बचा है। आम आदमी को दरकिनार करने पर पुलिस से जवाब मांगने वाला कोई नहीं है।
उदाहरण के रूप में बदायूं जिले के दिग्गज सपा नेताओं में शामिल पूर्व दर्जा राज्यमंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल की बात करते हैं, इनका न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। सीजेएम न्यायालय ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे मुकदमा संख्या- 6321/14, धारा- 425, 420 व 427 आईपीसी में आरोपित कस्बा उझानी के मोहल्ला साहूकारा निवासी विमल कृष्ण अग्रवाल पुत्र श्रवण कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार कर पेश करें, लेकिन पुलिस विमल कृष्ण अग्रवाल को गिरफ्तार नहीं कर रही है, ऐसा ही वारंट किसी आम आदमी के नाम जारी हुआ होता, तो पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी होती।
पुलिस की यही दोहरी कार्य प्रणाली अपराध बढ़ने का प्रमुख कारण है। नेताओं, गुंडों, माफियाओं और तस्करों के लिए पुलिस का अलग व्यवहार है और आम आदमी के लिए अलग, जिससे आम आदमी बदायूं जिले में त्राहि-त्राहि कर रहा है।