पुलिस ने सिपाहियों की हत्या के दुःखद प्रकरण में पूरे परिवार को आरोपी बना दिया है। पुलिस भूखे भेड़िये की तरह पूरे परिवार को खोज रही है, लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई है। हार कर पुलिस ने पूरे परिवार को पकड़वाने पर पच्चीस हजार के इनाम की घोषणा की है, साथ ही पकड़ने के लिए 13 टीमों का गठन किया है।
उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी की शाम को बिल्सी थाना क्षेत्र के गाँव गढ़ौली में डीजे बंद कराने गये दो सिपाहियों को एक व्यक्ति ने हमला कर घायल कर दिया था। सिपाही शहीम की उसी दिन मृत्यु हो गई और दूसरे घायल सिपाही भीमसेन ने भी तीन दिन बाद बरेली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उक्त घटना में बिल्सी के एसओ नरेद्र पाल सिंह यादव द्वारा 42 वर्षीय जगतपाल मौर्य, उसकी 40 वर्षीय पत्नी कांता देवी, 17 वर्षीय बेटी छाया, 15 वर्षीय बेटी सविता और 13 वर्षीय बेटा प्रवीण को आरोपी बनाया गया और धारा- 147/148/149/333/353/307/302/34 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या- 119/16 पंजीकृत कराया गया।
उक्त घटना के बाद से पुलिस आरोपी परिवार को भूखे भेड़िये की तरह खोज रही है, लेकिन आरोपी परिवार का सुराग तक नहीं लग पा रहा है। हार कर पुलिस ने प्रत्येक आरोपी के पकड़वाने पर पांच-पांच हजार रूपये इनाम देने की घोषणा की है और फोटो जारी किये हैं, इसके अलावा पुलिस की 13 टीमें गठित की गई हैं, जो जंगल में फसलों तक में खोजबीन कर रही हैं।
उधर घटना के बाद कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। अधिकाँश लोगों के बीच आम चर्चा है कि गाने की आवाज कम करने की बात पर कोई व्यक्ति, या पूरा परिवार पुलिस वालों पर आक्रामक अंदाज में हमलावर क्यूं हो गया?, साथ में यह भी जानने की उत्सुकता है कि ऐसा क्या हुआ था, जो ऐसी दुःखद घटना घटित हो गई?, ऐसे ही अन्य तमाम सवालों के जवाब अब जगतपाल मौर्य और उसके परिवार के सदस्य ही दे सकते हैं। यह भी बता दें कि बारात घरों में बजाया जाने वाला डीजे सिस्टम नहीं, बल्कि गाने सुनने वाला सामान्य सिस्टम ही था।
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