बदायूं विधान सभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी से निष्कासित किये जा चुके विधायक आबिद रजा के बसपा हाईकमान तक उनके विरोधियों ने पूर्व में किये गये कारनामे पहुंचा दिए हैं, जिससे आबिद रजा के प्रयास करने से पहले ही बसपा हाईकमान ने स्पष्ट मना कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो के समक्ष आबिद रजा की किसी ने जाकर चर्चा भी की, तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है, जिससे बसपा का कोई पदाधिकारी अब आबिद रजा से बात तक करना भी पसंद नहीं करेगा।
बसपा से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि आबिद रजा के विरोधियों ने बसपा सुप्रीमो तक यह खबर पहुंचवा दी है कि आबिद रजा पूर्व में बसपा में रह चुके हैं। यहाँ बता दें कि आबिद रजा द्वारा बसपा ज्वाइन करने के बाद बदायूं स्थित इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रांगण में बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ था, जिसके मंच पर दिव्यांग होने के चलते आबिद रजा कुर्सी पर बैठे थे, जबकि पार्टी के अन्य सभी बड़े और स्थानीय पदाधिकारी नीचे बैठे थे, इस घटना के बाद आबिद रजा को पार्टी से निकाल दिया गया था।
इसके अलावा सूत्रों का यह भी कहना है कि आबिद रजा पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के साथ पूर्व में हिस्ट्रीशीटर होने की भी जानकारी बसपा सुप्रीमो को करा दी गई है, साथ ही बसपा में उच्च स्तर पर यह भी चर्चा हो चुकी है कि राजनीति में लाने वाले सलीम इकबाल शेरवानी और असीमित शक्ति देने वाले सांसद धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध आबिद रजा मर्यादा को ताक में रख कर उनसे भिड़ चुके हैं, जिससे आबिद रजा विश्वसनीय पात्र नहीं हैं। हाल के दिनों में अपनों के ही निशाने पर आ चुकी मायावती अविश्वसनीय व्यक्ति पर दांव लगाने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि आबिद रजा बसपा में जाने का प्रयास करते, उससे पहले ही उनके नाम पर मंथन कर हाईकमान ने उनके लिए दरबाजे बंद कर दिए हैं, साथ ही पदाधिकारियों को चेतावनी भी दे दी गई है कि आबिद रजा के संबंध में सुप्रीमो से कभी कोई बात नहीं करेगा।