टीवी रिपोर्टर आशु बंसल को न्यायालय से भी राहत नहीं मिल पा रही है। पुलिस द्वारा न्यायालय में दिए गये पुनः विवेचना कराने के प्रार्थना पत्र को न्यायालय ने निरस्त कर दिया है, जिससे आशु बंसल की गिरफ्तारी की आशंका भी बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि बदायूं के ही रिपोर्टर विकास साहू के विरुद्ध उसके चैनल के अधिकारियों के नाम फर्जी नाम, पते से झूठी शिकायतें की जा रही थीं। चैनल के अधिकारियों के कहने पर विकास साहू ने तत्कालीन एसएसपी मंज़िल सैनी से अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्रार्थना पत्र दिया। एसएसपी के निर्देश पर आगरा स्थित साइबर सेल ने जीमेल के कैलीफोर्निया स्थित ऑफिस से संपूर्ण जानकारी मंगाई, जिसके बाद विकास के प्रार्थना पत्र पर 19 जून 2012 को सदर कोतवाली पुलिस ने अजीत कुमार सिंह नाम के व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी। विवेचना में सदर कोतवाली पुलिस ने अजित कुमार सिंह नाम की मेल आईडी को फर्जी पाया। जिस नाम व पते से विकास साहू की शिकायतें की गई थीं, वो नाम व पता भी फर्जी पाया गया एवं जीमेल द्वारा बताया गया कि रिपोर्टर आशु बंसल के मेल से उनके बेटे रचित बंसल की आईडी बनाई गई और रचित बंसल की आईडी से spsinghbadaun@gmail.com नाम की आईडी बनाई गई, इसके अलावा जिस कंप्यूटर व नेट से मेल किया गया, वह भी आशु बंसल का ही पाया गया।
विवेचना के बाद पुलिस ने टीवी रिपोर्टर आशु बंसल के विरुद्ध न्यायालय में 66 आईटी एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जिस पर वारंट जारी हो चुके हैं, लेकिन अभी तक आशु बंसल ने जमानत नहीं कराई है। अब बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में पुलिस ने पुनः विवेचना का प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया है, जिससे आशु बंसल की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। प्रकरण की सुनवाई अब 28 मार्च 2015 को होगी।