बदायूं के मुकुट में हीरे की तरह चमक रहे हैं पंकज शर्मा

बदायूं के मुकुट में हीरे की तरह चमक रहे हैं पंकज शर्मा
बेस्ट इन डेफ्थ सीरीज़ हिंदी अवार्ड प्राप्त करते बदायूं की मिटटी में पले-बढ़े पंकज शर्मा, मुहम्मद अनस ज़ुबैर और आलोक श्रीवास्तव।
अवार्ड प्राप्त करते बदायूं की मिटटी में पले-बढ़े पंकज शर्मा, मुहम्मद अनस ज़ुबैर और आलोक श्रीवास्तव।

एक्सचेंज फॉर मीडिया न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड्स (enba awards) के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में देश के प्रतिष्टित व नंबर-वन न्यूज चैनल ने बेस्ट चैनल के साथ कुल दस अवार्ड झटके हैं। आज तक न्यूज चैनल पिछले कई वर्षों से बेस्ट चैनल बना हुआ हैं, लेकिन इस बार आज तक न्यूज चैनल की टीम के साथ बदायूं जिले के लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि बेस्ट इन डेफ्थ सीरिज हिंदी अवार्ड प्राप्त करने वाले पंकज शर्मा की जन्म भूमि बदायूं हैं। बदायूं और पंकज शर्मा के बीच प्रेम का रिश्ता एक तरफा नहीं है, वह खुद भी शौर्य की गाथा सुनाते समय बदायूं का उल्लेख किये बिना नहीं रह सके।

बदायूं जिले का गौरव बढ़ाने वाले पंकज शर्मा
बदायूं जिले का गौरव बढ़ाने वाले पंकज शर्मा

प्राचीन काल से ही बदायूं में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हस्तियाँ रही हैं। साहित्यकारों के लिए तो बदायूं की भूमि विशेष तौर पर उर्वरा मानी जाती रही है। हाल के दशकों की ही बात करें, तो शौकत अली फानी और शकील बदायूंनी से लेकर डॉ. बृजेन्द्र अवस्थी जैसी महान विभूतियों ने इस जनपद के मुकुट में अपने सद्कर्मों से हीरे ही जड़े हैं, ऐसी धरती पर ही पंकज शर्मा नाम की एक और शख्सियत जन्म ही नहीं ले चुकी है, बल्कि वह उस प्रतिष्ठा को और शिखर की ओर ले जाने का महान कार्य कर रहे हैं। आज तक न्यूज चैनल में उच्च पदस्थ पंकज शर्मा बेहतरीन रचनाकार भी हैं, उनकी लिखी रचनायें फेसबुक पर लंबे समय से धूम मचा रही हैं।

बदायूं के उपनगर बिसौली में 9 मई 1979 को श्री द्विजेंद्र मोहन शर्मा और श्रीमती रामश्री शर्मा के बगिया में फूल की तरह खिले पंकज शर्मा को संस्कार तो माता-पिता से ही मिले हैं, पर उनकी शुरूआती शिक्षा बरेली शहर और बरेली के कस्बा बहेड़ी में हुई। उन्होंने ग्यारहवीं व बारहवीं की शिक्षा बिसौली के मदन लाल इंटर कॉलेज से ही ली है। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन (अंग्रेज़ी) की डिग्री व पत्रकारिता का डिप्लोमा बरेली कॉलेज बरेली से लिया। शिक्षा के उपरान्त दिल्ली चले आए, जहाँ एक आम नागरिक की तरह ही संघर्ष करते हुए मूविंग पिक्चर्स के माध्यम से वर्ष 2001 में दूरदर्शन के चर्चित कार्यक्रम सुबह-सवेरे में उन्होंने बतौर इन्टर्न काम शुरू दिया, इस दौरान कई कॉरपोरेट फिल्म लिखीं, दूरदर्शन के लिए प्रोमोज़ लिखे, शोज़ लिखे और चार साल बाद सुबह-सवेरे के प्रोड्यूसर पद से इस्तीफ़ा देकर इंडिया टीवी चैनल में चले गये, यहाँ दो साल काम किया, जिसके बाद वर्ष 2007 में आज तक ज्वाइन कर लिया, तब से आज तक में ही हैं और फिलहाल सीनियर प्रोड्यूसर के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। आज तक में सीधी बात, विशेष, वंदे मातरम जैसे चर्चित शोज़ से जुड़े हैं, फिलहाल एक नये शो को तैयार करने में जुटे हैं, जो इस शनिवार से लॉंच होने वाला है।

जुझारू पंकज शर्मा अपनी कड़ी मेहनत और लगन से जिले का नाम साहित्य और न्यूज की दुनिया में लगातार रोशन कर रहे हैं। पिछले दिनों एक्सचेंज फॉर मीडिया न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड्स की विभिन्न श्रेणियों में आज तक न्यूज चैनल को दस अवार्ड मिले, जिनमें बेस्ट इन डेफ्थ सीरीज़ हिंदी अवार्ड बदायूं की मिटटी में पले-बढ़े पंकज शर्मा को मिला, उनके यह अवार्ड मुहम्मद अनस ज़ुबैर और आलोक श्रीवास्तव को भी दिया। पंकज शर्मा ने एक मिनट की मार्मिक स्पीच में हिन्दुस्तान की आज़ादी के बाद की जंग में भारतीय जवानों के शौर्य की दास्तान सुनाते समय बदायूं के साहसी जवानों का भी उल्लेख किया था। चार भाईयों में तीसरे नंबर के पंकज शर्मा पर बदायूं के लोग फक्र महसूस करते हैं।

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