बदायूं की पुलिस लाइन में स्थित गैस एजेंसी से भी सिलेंडर ब्लैक होते हैं, यह कल्पना से भी परे है, लेकिन सच यही है कि सिलेंडर लगातार ब्लैक हो रहे हैं और उपभोक्ताओं को प्राईवेट एजेंसी संचालकों की तरह नियमों का भय दिखा कर भगा दिया जाता है। शहर की अन्य एजेंसी पर अनियमिततायें होने पर उपभोक्ता हंगामा या धरना प्रदर्शन आदि भी कर सकते हैं, लेकिन पुलिस के डर के कारण यहां वह सब भी नहीं कर सकते, साथ ही अधिकांश उपभोक्ता पुलिस वाले ही हैं, जो लाइन में एजेंसी होने के कारण चुप ही रह जाते हैं, क्योंकि यह एजेंसी आरआई के कार्यक्षेत्र में ही आती है, जो सिपाहियों के बॉस होते हैं। विभागीय कार्यों में व्यस्त रहने वाले वरिष्ठ विभागीय अफसरों के पास एजेंसी का लेखा-जोखा रखने का समय ही नहीं है।
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