उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार चरम था, पर समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर उम्मीद की जा रही थी कि भ्रष्टाचार पर लगाम लग जायेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अफसर खुलेआम मनमानी करते नज़र आ रहे हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि विकास का पहिया पूरी तरह जाम है। बिल्सी विधान सभा क्षेत्र के विधायक मसर्रत अली “बिट्टन” ने सदन में मुद्दा उठा दिया है, जिससे स्थानीय अफसरों में हडकंप मच गया है।
जनपद बदायूं में पिछले दिनों आईएएस अधिकारी सूर्यपाल गंगवार मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात थे, उनके कार्यकाल में कमीशनखोर पूरी तरह हावी हो गये थे, जिससे अधिकाँश विधायकों ने अपनी निधि का एक रुपया भी खर्च नहीं किया। बिल्सी विधान सभा क्षेत्र के विधायक मसर्रत अली “बिट्टन” ने करीब आठ माह पहले अपनी निधि से कराये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव दे दिए थे, लेकिन सूर्यपाल गंगवार ने उनके प्रस्ताव पर ध्यान तक नहीं दिया। विधायक ने इसी मुद्दे को सदन में उठा कर ग्राम्य विकास मंत्री से सवाल किया है कि उनके प्रस्ताव मंजूर क्यूं नहीं हुए और अगर मंजूर नहीं होंगे, तो क्यूं, साथ ही कब तक मंजूर हो जायेंगे?
विधायक द्वारा सदन में मुद्दा उठा देने से स्थानीय अधिकारियों में हडकंप मच गया है। सूत्रों का कहना है कि सूर्यपाल गंगवार के कार्यकाल में उनके कार्यालय में संबद्ध बाबू संजय आर्य उनका एजेंट था, जो सब कुछ निर्धारित करता था। संजय आर्य की मनमानी के चलते पूरे विकास भवन में कर्मचारी तक हाहाकार कर उठे थे। सूर्यपाल गंगवार तमाम ऐसे कार्य कर गये हैं, जिनकी जांच होने पर वह जेल भी जा सकते हैं। सूर्यपाल गंगवार इस समय हापुड़ के डीएम हैं और नये सीडीओ ने संजय आर्य को अपने कार्यालय से हटा दिया है।