फिल्मी दुनिया के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गए। आज मानो आनंद का उनका रोल ही साकार हो गया। वे चले गए और उनके जाने के बाद हर आँख नम है। राजेश खन्ना ने जीवन को भरपूर जिया। कहते हैं वे स्ट्रगलर के तौर पर निर्माताओं से काम मांगने भी इतनी महंगी कार से जाते थे कि वैसी कार रखना उस समय के बड़े हीरो के लिए भी संभव नहीं था। जो ख्याति राजेश खन्ना को मिली वह और किसी को नहीं मिली। लड़कियां उन्हें खून से खत लिखती थीं। निर्माता उनके पीछे लाइन लगाए रहते थे। एक बार एक छोटे से ऑपरेशन के लिए वे अस्पताल में भर्ती हुए। कई निर्माताओं ने उनके आस-पास के कमरे बुक करा लिए कि मौका मिलते ही उन्हें अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट सुना सकें। वे करोड़ों के दिल पर राज करते थे पर उनके दिल पर कब्ज़ा किया डिम्पल कापड़िया ने। उनकी ख्याति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शादी की एक छोटी-सी फिल्म उस समय देश भर के थिएटर्स में फिल्म शुरू होने के पहले दिखाई गई थी। आराधना, सच्चा झूठा, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी, मेहबूब की मेहंदी, आनंद, आन मिलो सजना, आपकी कसम जैसी फिल्मों ने आय के नए रिकॉर्ड बनाए। आराधना, आनंद जैसी फिल्मों ने कला फिल्मों के दर्शकों को भी थियेटर तक खींचा। राजेश खन्ना फिल्म के संगीत पर खासा ध्यान देते थे। किशोर ने उनके अधिकांश गाने गाये और राजेश खन्ना के स्टारडम में इन गानों का खासा योगदान रहा। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, पर उनकी कला सदियों तक बोलेगी। तुम हवा में हाथ लहराते आसमां की ओर बढ़ तो चले हो, पर वहाँ भी बहुतों को हंसाओगे-रुलाओगे क्योंकि तुम्हारे अंदर का कलाकार कभी नहीं मरेगा। वह तुम्हारी आत्मा के साथ ही गया है। तुम्हें श्रद्धांजलि सुपरस्टार!
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