बदायूं के कटरा सआदतगंज में आज केंद्रीय मंत्री राम बिलास पासवान अपने बेटे सांसद चिराग पासवान के साथ पहुंचे और पीड़ित परिजनों से बात कर यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने पूरे प्रकरण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अवगत कराया है। उधर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने यूपी सरकार से आरोपियों पर एससी/एसटी एक्ट न लगाने को लेकर पत्र लिखा है, जबकि पीड़ित पक्ष पिछड़े वर्ग का है, इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार भी राजनीति कर रही है और प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान पीड़ित परिवार से मिले और प्रदेश की कानून अव्यवस्था पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलायें सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया और कहा कि पुलिस द्वारा ढील दी गई। श्री पासवान ने मुख्यमंत्री के न आने पर भी सवाल उठाया। शौचालय न होने पर उन्होंने हुए कहा कि केंद्र सरकार से वह सिफारिश करेंगे कि विशेष अभियान चलाकर शौचालय बनाये जायें।
उधर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने यूपी सरकार से पत्र लिख कर पूछा है कि आरोपियों के विरुद्ध अभी तक एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई क्यूं नहीं की गई है। यहाँ सवाल यह उठता है कि दोनों पक्ष पिछड़े वर्ग के हैं, तो एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई क्यूं की जायेगी, इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार यूपी सरकार पर बेवजह दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। बता दें कि पीड़ित पक्ष मौर्य जाति का है और आरोपी यादव जाति के हैं, दोनों ही जातियां पिछड़े वर्ग की हैं।
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