वही हुआ, जिसकी संभावना थी। अमर उजाला द्वारा आउट किया जा चुका सुधाकर दैनिक जागरण का अभिकर्ता बन गया है। पहले ही संभावना व्यक्त की गई थी कि कुकृत्यों के चलते सुधाकर अखबार की सपोर्ट के बिना क्षेत्र में रह ही नहीं सकता।
उल्लेखनीय है कि सुधाकर शर्मा जनपद बदायूं की तहसील बिसौली में अमर उजाला का संवाददाता था, लेकिन खुद को अमर उजाला का ब्यूरो चीफ बताता था। अमर उजाला की प्रतिष्ठा के चलते शासन-प्रशासन से जुड़े लोग सम्मान देते थे, जिसका खुल कर लंबे समय से दुरूपयोग कर रहा था। पिछले दिनों अपने किसी निहाल सिंह नाम के ख़ास व्यक्ति के काम को लेकर फोन पर बिल्सी तहसील में तैनात एक लेखपाल राजेन्द्र प्रसाद को हड़काने का मामला प्रकाश में आया था। दबंगई के साथ फोन पर लेखपाल और तहसीलदार को गालियाँ दीं थीं, जिसकी शिकायत लेखपाल ने अमर उजाला के शीर्ष प्रबन्धन से की, तो जांच के बाद अमर उजाला से सुधाकर को आउट कर दिया गया।
अमर उजाला से आउट होने के बाद सुधाकर ने दैनिक जागरण बदायूं के ब्यूरो चीफ लोकेश की चरण वंदना शुरू कर दी और लोकेश ने सुधाकर की चरण वंदना से खुश होकर जागरण के रिपोर्टर प्रमोद मिश्रा का उत्पीड़न शुरू कर दिया था, जिससे तंग आकर प्रमोद मिश्रा ने दैनिक जागरण से मजबूरी में अपना 12 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया। प्रमोद ने अमर उजाला ज्वाइन कर लिया है और वह अब बिसौली से ही अमर उजाला के लिए रिपोर्टिंग करेंगे।
उधर प्रमोद मिश्रा द्वारा जागरण छोड़ते ही सुधाकर ने आज दैनिक जागरण की बिसौली कस्बे की एजेंसी ले ली। सूत्रों का कहना है कि दैनिक जागरण का अभिकर्ता बनने के लिए सुधाकर ने जागरण को दो लाख रूपये की जमानत राशि दी है, वहीं क्षेत्र के लोगों का का कहना है कि किसी भी अखबार की कोई भी शर्त सुधाकर पूरी करता, क्योंकि वह अखबार की सपोर्ट के बिना क्षेत्र में रह ही नहीं सकता। क्षेत्र के लोगों का यह भी कहना है कि सुधाकर खुद व पुलिस के माध्यम से तमाम लोगों का शोषण करा चुका है, जो इसके अमर उजाला से आउट होने के कारण बेहद खुश थे, पर दैनिक जागरण ने एक बवाली के हाथ में फिर शक्ति थमा दी है, जिससे शोषित लोग फिर मायूस नज़र आ रहे हैं।
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लेखपाल को फोन पर धमकाने का आडियो सुनने के लिए लिंक क्लिक करें
अमर उजाला रिपोर्टर सुधाकर शर्मा और एक लेखपाल के बीच हुई वार्ता