आम लोगों के घरों में चोरी की घटनायें होती हैं, तो वे पुलिस के पास जाते हैं, लेकिन पुलिस विभाग में कार्यरत व्यक्ति के घर में चोरी हो, तो वो किस के पास जाये?, इस सवाल का जवाब चाहे जो हो, पर चोरों के शिकार एक दरोगा जी अपने महकमे की मदद लेने की जगह एक तांत्रिक की शरण में पहुँच गये और मजे की बात तो यह है कि तांत्रिक ने चोरी का खुलासा भी कर दिया, पर उन्होंने जिसे चोर बताया था, वह व्यक्ति सिपाही है, सो खुद पर आरोप लगने के बाद वह सिपाही आत्म हत्या करने की चेतावनी देने लगा, तो हडकंप मच गया और आनन-फानन में अफसरों ने बात जहां की तहां खत्म करा दी।
यह अजीब तरह की घटना बदायूं शहर की है। बताया जाता है कि सदर कोतवाली में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर के घर से चालीस हजार रूपये चोरी हो गये। बड़ी रकम थी, सो परेशान होना स्वाभाविक ही था, पर उन्होंने चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। शायद, उन्हें यह विश्वास रहा होगा कि रिपोर्ट दर्ज कराने से कुछ नहीं होने वाला, तभी वह नगला शर्की गाँव के एक तांत्रिक की शरण में पहुँच गये। सूत्रों का कहना है कि तांत्रिक पानी से भरे कांच के गिलास में चोर का फोटो दिखा देते हैं। सूत्र का कहना है कि दरोगा जी को उन्होंने गिलास में जिस व्यक्ति का फोटो दिखाया वह एक सिपाही का ही था। फोटो देखने के बाद दरोगा जी ने सिपाही पर चोरी का आरोप लगाते हुए रूपये मांगे, तो सिपाही अपमान का हवाला देते हुए आत्म हत्या करने पर उतारू हो गया। यह बात किसी तरह मीडिया तक पहुँच गई, तो हडकंप मच गया। अफसरों ने डांट कर पूरे मामले को फिलहाल शांत करा दिया है, लेकिन घटना चर्चाओं के माध्यम से फैल चुकी है और लोग यह सलाह देते नज़र आ रहे हैं कि चुनाव में कड़ी मेहनत करने की जगह पुलिस किसी तांत्रिक की सेवायें लेकर आराम से बैठे। खैर, मूल सवाल यह है कि 21वीं सदी की इस पुलिस से आम आदमी किसी भी तरह की अपेक्षा कैसे रख सकता है?