बदायूं में अमरूद की खेती में लगने वाली बीमारियों का वैज्ञानिक तकनीकी से निदान किया जाएगा। अमरूद उत्पादन बढ़ाने एवं विपणन की समुचित व्यवस्था स्थानीय स्तर पर होने से न केवल अमरूद कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि अमरूद की फसलों के क्षेत्रफल में भी प्रगति होगी।
मंगलवार को ककराला स्थित मजार शरीफ हजरत शाह शुजाअत मियां परिसर में एक दिवसीय अमरूद गोष्ठी आयोजित हुई। पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष दर्जा राज्यमंत्री बनवारी सिंह यादव ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु पूर्ण रूप से गम्भीर है। उन्होंने अमरूद काश्तकारों की गेट पास बनवाने की समस्या का समाधान कराते हुए निर्देश दिए कि मण्डी समिति के अधिकारी स्थानीय स्तर पर गेट पास बनाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने नगर वासियों को आश्वस्त किया कि अमरूद में लगने वाली बीमारियों का यदि स्थानीय स्तर पर निराकरण सम्भव नहीं हुआ, तो बदायूं के सांसद धर्मेन्द्र यादव किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु दिल्ली स्तर तक निराकरण करायेंगे। उन्होंने कहा कि गोष्ठी का आयोजन बदायूं के सांसद धर्मेन्द्र यादव की प्रेरणा के आधार पर ही कराया गया है। स्थानीय कृषकों द्वारा विद्युत आपूर्ति बढ़ाने की मांग पर दर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि ककराला में बदायूं शहर के सापेक्ष ही विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी।
जिलाधिकारी शम्भूनाथ ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक एसपी जोशी सहित अन्य अतिथियों तथा वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और यहां की वास्तविक तरक्की खेती पर ही निर्भर करती है। यहां का किसान जितना खुशहाल होगा, उतना ही देश, प्रदेश और जनपद तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को कृषकों से रूबरू कराने का उद्देश्य ही यही है कि प्राथमिकता के आधार पर उनकी समस्याओं का निदान हो और किसान खुशहाल रहें। उन्होंने कहा कि गोष्ठी में किसानों का रजिस्ट्रेशन भी कराया जा रहा है। पंजीकृत किसानों को कृषि विभाग तथा कृषि विज्ञान केन्द्र उझानी द्वारा कृषि सम्बंधी विभिन्न जानकारियां एसएमएस के माध्यम से दी जाएंगी।
मुख्य विकास अधिकारी देवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने गोष्ठी के प्रति किसानों का उत्साह कम पाए जाने पर ऐतराज़ जताते हुए कहा कि किसानों के हितार्थ ही गोष्ठी आयोजित की गई है, इसका उनको भरपूर लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ककराला फलपट्टी क्षेत्र होने के कारण इसकी अपनी अलग पहचान है। फसलों में लगने वाले रोगों का निदान और विपणन की समस्या का समाधान होने से यहां शीघ्र ही समृद्धि ही समृद्धि नजर आएगी। हाजी मुमताज सकलैनी ने अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि रोज़ा तथा गर्म मौसम के कारण भले ही कृषकों की उपस्थिति कुछ कम रही हो, लेकिन यहां के किसान मेहनतकश और जुझारू हैं। गोष्ठी में स्थानीय कृषक तौकीर खां, डा. शोहराब ककरालवी, फहीम सहित अन्य अमरूद काश्तकारों ने अमरूद की नई प्रजातियां अनुदान पर उपलब्ध कराने तथा स्थानीय स्तर पर मृदा परीक्षण की व्यवस्था कराने के साथ साथ एक चिकित्सीय पैनल को ककराला में कुछ दिनों रोक कर समस्याओं का समाधान कराने का अनरोध किया। गोष्ठी में भारतीय उद्यान अनुसन्धान केन्द्र बंगलौर के प्रधान वैज्ञानिक डा. आरवी तिवारी, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिक एसके शुक्ला, डा. एके मिश्रा, डा. आर. एम. खान सहित उझानी स्थित कृषक विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने भी अमरूद की फसल में लगने वाले रोग धीमा उकठा तथा तीव्र उकठा रोग के लक्षण, रोकथाम के उपाय तथा पोषण, खाद एवं उर्वरक प्रबन्ध के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। गोष्ठी का संचालन अशरफ गुलशन ने किया। यह भी बता दें कि इस गोष्ठी में सांसद धर्मेन्द्र यादव को आना था, लेकिन आज वे नहीं पहुंचे, उनके न पहुंचने का कारण भी नहीं बताया गया।