प्रकृति ने बचा दी राज्यपाल की लाज, चिन्मयानंद मायूस

प्रकृति ने बचा दी राज्यपाल की लाज, चिन्मयानंद मायूस
यौन शोषण का आरोपी कथित संत चिन्मयानंद
यौन शोषण का आरोपी कथित संत चिन्मयानंद

शाहजहाँपुर स्थित कथित आश्रम में चल रहे महोत्सव में आने वाले राज्यपाल की गरिमा मौसम ने बचा ली। मौसम खराब होने के चलते राज्यपाल राम नाइक नहीं आ सके। हालांकि उनका कार्यक्रम डीएम की गलत रिपोर्ट के चलते तय हुआ था। राज्यपाल के न आने से चिन्मयानंद मायूस बताया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री व कथित संत चिन्मयानंद बेहद शातिर दिमाग इंसान है। चिन्मयानंद मुमुक्षु आश्रम का कथित अधिष्ठाता भी है। इस पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा शाहजहाँपुर की कोतवाली में दर्ज है। कथित मुमुक्षु आश्रम के अधीन कई शैक्षिक संस्थायें संचालित हैं, जिनमें लाखों रूपये के घोटाले हैं, समस्त संस्थाओं में अवैध नियुक्तियां हैं, इस सबके साथ अपने दुश्चरित्र से लोगों का ध्यान हटाने के उददेश्य से शातिर चिन्मयानंद 25 फरवरी से 3 मार्च के बीच महोत्सव का आयोजन करता है। महोत्सव के नाम पर भी मोटा चंदा वसूल करता रहा है। भव्य आयोजन में बड़े लोगों को आमंत्रित कर अपना कद बढ़ाने का प्रयास करता रहा है। इस बार भी कथित संत चिन्मयानंद ने तमाम बड़े नेताओं को आमंत्रित किया, लेकिन अधिकाँश नेताओं ने उसका निमंत्रण ठुकरा दिया, लेकिन राज्यपाल ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया था।

कथित संत चिन्मयानंद के दुष्कर्मों के संबंध में राज्यपाल राम नाइक को अवगत कराया गया, तो उनका कहना था कि शाहजहाँपुर के डीएम ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं बताया था, जिससे निमंत्रण स्वीकार कर लिया गया, साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि वे कुलाधिपति की हैसियत से कॉलेज के कार्यक्रम में सम्मलित होंगे और इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि किसी अपराधी को कोई लाभ न हो, लेकिन सवाल यह था कि कार्यक्रम में सम्मलित होने पर राज्यपाल राम नाइक यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद के साथ मंच साझा करते या नहीं, पर इस दुविधा से प्रकृति ने उन्हें मुक्त कर दिया। मौसम खराब होने के कारण राज्यपाल शाहजहाँपुर नहीं आ सके। हालांकि यथार्थ सामने आने पर उनका वहां जाने का मन भी नहीं था। यहाँ यह भी बता दें कि शातिर चिन्मयानंद कहने भर को ही संत है। सूत्र बताते हैं कि यह मदिरा पान करता है, भांग खाता है और कम उम्र की लड़कियों को अपनी बातों व वैभव में फंसा कर उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाता रहता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि यह कई लड़कियों से गोपनीय विवाह कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर चुका है, साथ ही मुंह बंद रखने के बदले कुछ लड़कियों को अपनी संस्थाओं में नौकरी दे चुका है व कुछ की शादियाँ अपने गनर और नौकरों से करा चुका है। शातिर चिन्मयानंद जब सांसद चुना गया, तो इसने अपने बायोडाटा में अपने हाथ से लिख कर दिया था कि वह विवाहित है और उसकी पत्नी का नाम अमिता आनंद है, लेकिन अमिता नाम की लड़की गायब है, पर शिकायत के बावजूद पुलिस ने उस लड़की को खोजने तक का प्रयास नहीं किया है। आशंका यही है कि अमिता आनंद नाम की लड़की शातिर चिन्मयानंद ने गायब करा दी होगी, यह भी हो सकता है कि वह इसकी दहशत में भूमिगत हो गई हो, अथवा चिन्मयानंद ने उसकी हत्या ही करा दी हो, जो भी रहा हो, पर इस प्रकरण की जांच होना बेहद आवश्यक है, तभी सच सामने आ सकेगा।

संसद में दिए हस्तलिखित बायोडाटा की प्रति, जिसमें कथित संत व यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद ने स्वयं लिखा है कि वह विवाहित है और उसकी पत्नी का नाम अमिता सिंह है।
संसद में दिए हस्तलिखित बायोडाटा की प्रति, जिसमें कथित संत व यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद ने स्वयं लिखा है कि वह विवाहित है और उसकी पत्नी का नाम अमिता आनंद है।

अपराधी को लाभ नहीं लेने दूंगा: राम नाइक

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