डीएम के पहुंचने से ब्लॉक में हड़कंप, संतोष की दहशत बरकरार

निरीक्षण के दौरान रजिस्टर देखते डीएम पवन कुमार, सामने बैठे हैं सीडीओ अच्छे लाल यादव, पीडी रविन्द्र नाथ सिंह और लाल घेरे में संतोष कुमार।
निरीक्षण के दौरान रजिस्टर देखते डीएम पवन कुमार, सामने बैठे हैं सीडीओ अच्छे लाल यादव, पीडी रविन्द्र नाथ सिंह और लाल घेरे में संतोष कुमार।

बदायूं के तेजतर्रार जिलाधिकारी पवन कुमार ने शनिवार को विकास खण्ड कार्यालय कादरचौक का औचक निरीक्षण किया, तो अव्यवस्थायें और कर्मचारियों की मनमानी देखकर दंग रह गए। उन्होंने बीडीओ सहित पांच अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी, साथ ही उनकी सेवा पुस्तिकाओं में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के मुख्य विकास अधिकारी अच्छे लाल सिंह यादव को निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा कि अब वह सभी ब्लॉकों का स्वयं स्थलीय निरीक्षण करेंगे और शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को दण्डित करेंगे, पर संतोष कुमार शर्मा पर अंकुश लगाने में असफल साबित हो रहे हैं। संतोष जिलाधिकारी के सामने कुर्सी पर बैठ कर निर्देश नोट करता रहता है, जिससे उसकी दहशत बढ़ती जा रही है।

तेजतर्रार डीएम पवन कुमार सीडीओ एवं डीआरडीए के परियोजना निदेशक के साथ कादरचौक विकास खण्ड कार्यालय पर पहुंचे, तो हड़कम्प मच गया। डीएम ने उपस्थिति पंजिका चैक की, तो ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के जेई राजवीर सिंह तथा लेखाकार सुशील चन्द्र पन्त सात नवम्बर से नदारद पाए गए। डीएम ने दोनों का जवाब-तलब करने के साथ ही उनके वेतन आहरण पर रोक लगाने तथा प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के निर्देश दे दिए। तहसील दिवसों में प्राप्त होने वाली शिकायतों का रख-रखाव सही न पाए जाने, माह अगस्त में प्राप्त शिकायती पत्र जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत न कर पाने तथा आईजीआरएस के तहत प्राप्त शिकायतें निस्तारित न होने पर डीएम ने सम्बंधित लिपिक वीरेश कुमार सिंह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी। ब्लॉक समरेर के एडीओ समाज कल्याण भारती को ब्लॉक कादरचौक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, लेकिन उनका नाम उपस्थिति पंजिका में दर्ज ही नहीं किया गया है और न ही वह ब्लॉक कार्यालय आते हैं। डीएम ने उपस्थिति पंजिका में नाम दर्ज न करने पर स्थापना लिपिक शाहबुद्दीन अहमद के वेतन पर रोक लगाते हुए सम्बंधित एडीओ समाज कल्याण भारती को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। स्वच्छ भारत मिशन अभियान एवं नमामी गंगा योजना के तहत द्वितीय किश्त में प्राप्त धनराशि से अब तक लगभग 926 शौचालयों का निर्माण न कराने पर जिलाधिकारी ने एडीओ पंचायत सतीश चन्द्र के भी वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी ने उक्त सभी लापरवाहियों के लिए खण्ड विकास अधिकारी कादरचौक बलवन्त सिंह को दोषी मानते हुए उनका भी जवाब तलब करने, वेतन रोकने तथा प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं।
ब्लॉक कादरचौक के सीडीपीओ हरी मोहन और स्टोर इंचार्ज प्रेमवती के बीच आपसी मतभेद होने के कारण पुष्टाहार का उठान नहीं हो पा रहा है। डीएम ने गोदाम पर पहुंचकर जब स्टॉक रजिस्टर तलब किया, तो उक्त मामला सामने आने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सीडीपीओ को एक सप्ताह की मोहलत देते हुए चेतावनी दी है कि निर्धारित अवधि में यदि पुष्टाहार का उठान नहीं हुआ, तो सीडीपीओ को निलंबित कर दिया जाएगा। डीएम ने अलग-अलग पटलों पर जाकर सम्बंधित कर्मियों से जानकारी हासिल की, इतने कर्मठ जिलाधिकरी अपने ऑफिस में तैनात संतोष को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं।
डीएम के साथ दौरे पर संतोष भी था और स्टेनो का कार्य कर रहा था। बताते हैं कि कार्यालय में जब जिलाधिकारी रजिस्टर देख कर दिशा-निर्देश दे रहे थे, तब संतोष भी उनके सामने कुर्सी पर बैठ कर नोट कर रहा था, इस दृश्य से जिलाधिकारी की छवि को आघात लगा, वहीं संतोष की दहशत और बढ़ गई है। बता दें कि तेजतर्रार और ईमानदार आईएएस जीएस प्रियदर्शी ने संतोष को आवास से भगा दिया था, लेकिन उनके जाते ही स्वयं ही आवास पर आने लगा, तब आवास पर ही जमा हुआ है।
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