विकास भवन के हालात भयावह, सीडीओ ने नहीं देखे शौचालय

विकास भवन के हालात भयावह, सीडीओ ने नहीं देखे शौचालय
विकलांग शौचालय के अंदर का दृश्य।
विकलांग शौचालय के अंदर का दृश्य।
बदायूं में मुख्य विकास अधिकारी प्रताप सिंह भदौरिया तेजतर्रार हैं, इसके बावजूद विकास भवन स्थित कार्यालयों के हालात सुधर नहीं पा रहे हैं। भ्रष्टाचार व लापरवाही चरम पर है। गंदगी और दुर्गंध के चलते लगता ही नहीं कि यह विकास भवन है। दूसरी व तीसरी मंजिल पर स्थित कार्यालयों के हालात और भी ज्यादा खराब हैं। हालांकि सीडीओ ने आज औचक निरीक्षण भी किया, पर शौचालयों पर उनकी भी नजर नहीं गई।
विकास भवन स्थित कार्यालयों में तैनात अधिकाँश कर्मचारी व अधिकारी सिर्फ रिश्वतखोरी के लिए ही आते हैं। जिस काम में रिश्वत न मिले, उसमें रूचि नहीं लेते। कुछ अफसरों ने चंदे से, कुछ ने व्यक्तिगत धन से और कुछ ने नियम विरुद्ध सरकारी धन से एसी भी लगा लिए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में दौरा करने कभी नहीं जाते। कार्यालय में बैठ कर ही मस्ती करते रहते हैं। एक-दो कार्यालय तो अश्लील हरकतों के लिए बदनाम हैं, लेकिन सीडीओ का उधर ध्यान ही नहीं है।
विकास भवन में चारों ओर गंदगी फैली है। आम जनता के लिए बनाये गये शौचालयों में तो झाँक तक नहीं सकते। कई शौचालय तो गंदगी के चलते बंद कर दिए गये हैं, जिससे कीड़े जमा हो गये हैं और दुर्गंध फैल रही है। विकलांगों के शौचालयों की हालत और भी ज्यादा खराब है। हालांकि शनिवार को विकास भवन स्थित कार्यालयों का सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया ने औचक निरीक्षण किया।
शौचालय की किवाड़ को रस्सी से बंद कर दिया गया है।
शौचालय की किवाड़ को रस्सी से बंद कर दिया गया है।
डीपीआरओ कार्यालय में चार एसी चलते पाए जाने पर सीडीओ ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि विद्युत बिल को दृृष्टिगत रखते हुए एक कार्यालय में चार एसी अनुमन्य नहीं हैं। विकास भवन में स्थित 17 कार्यालयों के औचक निरीक्षण में चार अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एके जादौन, जिला कृृषि अधिकारी आरके सिंह, लघु सिंचाई के एई कामेन्द्र सिंह एवं आरईडी के अधिशासी अभियन्ता एमएम गुप्ता के साथ ही दस कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। सीडीओ ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों का एक दिन के वेतन कटौती करने हेतु निर्देश दिए हैं।
विकास भवन के सामने नजर आ रहे एसी, पीछे की दिशा में भी कई लगे हैं।
विकास भवन के सामने नजर आ रहे एसी, पीछे की दिशा में भी कई लगे हैं।
सीडीओ ने विकास भवन में स्थापित जिला विकास कार्यालय, डीआरडीए, मुख्य पशु चिकित्सा, डीपीआरओ, समाज कल्याण, जिला प्रोबेशन, यूपी नेडा, मत्स्य पालक अभिकरण, लघु सिंचाई, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम कार्यालय, सहकारिता, कौशल विकास मिशन, बाल विकास, युवा कल्याण, कृृषि, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग तथा जिला अर्थ एवं संख्या कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। बाल विकास कार्यालय के बाहर टूटी कुर्सियां, कूलर तथा अन्य कवाड़ एकत्र पाए जाने पर सीडीओ ने कड़ी नाराजगी जताई और साफ सफाई के निर्देश दिए। डीपीआरओ कार्यालय में पत्रावलियों का रख-रखाव ठीक न पाए जाने के साथ ही स्वच्छता मिशन के कक्ष में अत्यन्त गन्दगी पाई गई और पत्रवाहक चन्द्रकेश अनुपस्थित पाए गए। पशु चिकित्सा कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मी जीत कश्यप अनुपस्थित मिले और वरिष्ठ सहायक कलीम जमाल द्वारा आदेशों की अवहेलना करने पर उदण्डता मानते हुए सीडीओ ने प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के निर्देश दिए हैं। समाज कल्याण कार्यालय में कनिष्ठ सहायक मुहम्मद मुस्लिम, प्रोबेशन कार्यालय में आउटरीच कार्यकर्ता धनंजय पाठक, नेडा कार्यालय में वरिष्ठ सहायक राजेन्द्र कुमार द्विवेदी, मत्स्य अभिकरण में वरिष्ठ सहायक एके शुक्ला तीन दिन से लगातार नदारद पाए गए। उ.प्र. अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम कार्यालय में सहायक लेखाकार राम खिलाड़ी दो दिन से अनुपस्थित मिले। सहकारिता में सीओ प्रदीप कुमार 16 जुलाई को तथा वीरेन्द्र कुमार गत तीन दिन से अनुपस्थित चल रहे थे। कौशल विकास मिशन में कार्यालय सहायक नीरज कुमार भी अनुपस्थित पाए गए। सीडीओ ने सभी कर्मचारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त कर वेतन कटौती हेतु वरिष्ठ कोषाधिकारी को निर्देश देते हुए सभी अधिकारियों से कहा है कि कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित होकर जन शिकायतों को सुनें और कार्यालय से कोई भी फरियादी निराश होकर नहीं लौटना चाहिए। उन्होंने कार्यालयों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश देते हुए फाइलों के रख-रखाव को भी बेहतर रखने के निर्देश दिए हैं।
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